PATNA : मोदी सरकार की तरफ से सेना में बहाली के लिए लागू की गई अग्नीपथ योजना को लेकर बिहार में हो रहा हिंसक विरोध अब थम गया है। भारत बंद के दौरान भी राज्य में कहीं भी किसी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। प्रशासन पहले से ज्यादा मुस्तैद नजर आया और प्रदर्शनकारी छात्र भी सड़क पर नहीं उतरे। इसके साथ ही बिहार के जिन 20 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद की गई थी, उसे बहाल कर दिया गया है। आधी रात 12 से इन सभी जिलों में इंटरनेट सेवा शुरू कर दी गई है। आपको बता दें कि शुक्रवार को हुई हिंसा के बाद बिहार के 12 जिलों में सबसे पहले इंटरनेट सेवा बंद की गई थी। बाद में इसे बढ़ाकर 15 जिलों तक लागू किया गया और कल यानि सोमवार को भारत बंद को देखते हुए 20 जिलों में इंटरनेट सेवा ठप्प कर दी गई थी।
अब एक बार फिर से पूरे बिहार में इंटरनेट सेवा चालू हो चुकी है। जिन जिलों में इंटरनेट बंद था उनमें कैमूर, भोजपुर, रोहतास, बक्सर, औरंगाबाद, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, समस्तीपुर, लखीसराय, नवादा, बेगूसराय, सारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर, गया, दरभंगा, जहानाबाद, मधुबनी, खगड़िया और शेखपुरा जिले शामिल हैं। पटना के साथ-साथ इन सभी जिलों में सोमवार को शांति बनी रही इसके बाद प्रशासन ने यह फैसला किया कि इंटरनेट सेवा को बहाल कर दिया जाए। आधी रात के वक्त ही मोबाइल ऑपरेटर कंपनियों की तरफ से ग्राहकों के मोबाइल पर एसएमएस के जरिए यह जानकारी दी गई कि अस्थाई तौर पर बंद की गई इंटरनेट सेवा को बहाल कर दिया गया है।
आपको बता दें कि बिहार में अग्निपथ योजना के विरोध में जो हिंसक प्रदर्शन हुआ उस मामले में प्रशासन की तरफ से लगातार एक्शन जारी है। भले ही उपद्रवियों ने शुक्रवार तक सड़क पर उतर कर हंगामा किया हो लेकिन अब पुलिस की बारी है और पुलिस लगातार उपद्रवियों की पहचान कर उनके ऊपर एफआईआर दर्ज कर रही है। तीन दिनों तक चले हिंसक आंदोलन के मामले में अब तक के राज्य के अंदर 145 केस दर्ज किए गए हैं जबकि 800 से ज्यादा असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार किया गया है। इनके ऊपर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने तोड़फोड़ और हंगामा करने का आरोप है। बिहार में हालात सामान्य हो इसके लिए डीजीपी ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय में एक बैठक भी की थी और हर जिले के एसएसपी और एसपी से हालात पर रिव्यू किया था। इस रिव्यू मीटिंग में बिहार पुलिस के साथ-साथ सीआरपीएफ के अधिकारी भी शामिल थे।