बिहार में बाढ़ से बिगड़ने लगे हालात: सारण में पानी में बह गया जयप्रभा सेतु का एप्रोच रोड, बिहार-यूपी का संपर्क टूटा; मुंगेर में 51 स्कूलों को बंद करने का आदेश

बिहार में बाढ़ से बिगड़ने लगे हालात: सारण में पानी में बह गया जयप्रभा सेतु का एप्रोच रोड, बिहार-यूपी का संपर्क टूटा; मुंगेर में 51 स्कूलों को बंद करने का आदेश

CHHAPRA/MUNGER: बिहार की लगभग सभी नदियों में उफान आ गया है। जिसके कारण नीचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से हालात बिगड़ने लगे हैं। छपरा में जहां जयप्रभा सेतु का एप्रोच रोड बाढ़ के पानी में बह गया है, जिससे बिहार-यूपी के बीच संपर्क भंग हो गया है वहीं मुंगेर में नीचले इलाकों में गंगा का पानी घुसने के बाद प्रभावित इलाकों के 51 स्कूलों को बंद करने का आदेश जिला प्रशासन ने जारी कर दिया है।


दरअसल, पड़ोसी देश नेपाल समेत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही बारिश के कारण बिहार में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए है। राजधानी पटना पर जहां बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है तो वहीं अन्य जिलों में भी नदी का पानी नीचले इलाकों में फैलने के बाद हालात बेकाबू हो रहे हैं। सारण में बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है। शहर के नीचले इलाकों में पानी घुसने के कारण नाव चलने लगा है वहीं बीती देर रात्रि में छपरा-गाजीपुर एन एच-19 स्थित जयप्रभा सेतु का एप्रोच रोड पानी में बह गया।


जयप्रभा सेतु का एप्रोच रोड बह जाने के कारण बिहार और यूपी का संपर्क टूट गया है। छपरा-गाजीपुर एनएच-19 स्थित जयप्रभा सेतु के मांझी चेक पोस्ट से आगे सिताब दियारा जाने वाले मार्ग के समीप पुल का एप्रोच रोड पानी के दबाव के कारण बह गया है। जिसके कारण इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। वही बिहार और यूपी का संपर्क भी टूट गया है। जिसके कारण एक दूसरे प्रदेश के लोग फंसे हुए हैं।


इस नेशनल हाईवे से प्रतिदिन हजारों लोग सड़क मार्ग से यूपी और बिहार में आवागमन करते हैं। पुल के एप्रोच रोड के बहाने के बाद सभी लोग फंसे हुए हैं। वही इस एप्रोच रोड के टूट कर बह जाने के कारण मवेशी पलकों और इस क्षेत्र के लोगों को भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि माझी से सटे होने के कारण सिताब दियारा तक के गांव के लोग दैनिक चीजों के लिए भी मांझी आया जाया करते हैं। बाढ़ के दौरान मवेशी पालकों के लिए यह रोड ही सहारा बनता है, जिस पर वे मवेशी बांधकर शरण लेते हैं।


गंगा, गंडक, सरयू, सोन एवं यमुना नदी के जलस्तर में लगातार हो रहे वृद्धि के बाद शहर के सभी तटीय इलाकों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। शहर के निचले इलाकों के सैकड़ो घर के लोग बेघर हो गए हैं वहीं जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। रात में अचानक जलस्तर बढ़ने के कारण अनेक घरों मैं लोग अपने घर में फंसे हुए हैं। वहीं जिला प्रशासन एनडीआरफ टीम की मदद से उन लोगों को रेस्क्यू करने में जुटी हुई है।


उधर, मुंगेर में गंगा रौद्र रूप दिखाने लगी है। नीचले इलाकों में गंगा का पानी तेजी से फैल रहा है। कई गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है और संभावित बाढ़ के खतरे से सहमें हुए हैं। मुंगेर जिले में बढ़ते गंगा के जल स्तर से संभावित बाढ़ के मद्देनजर जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने सदर एवं बरियारपुर प्रखंड अंतर्गत बाढ़ प्रभावित कुल 51 स्कूलों को अगले तीन दिनों तक बंद करने का आदेश दिया है। उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को बाढ़ प्रभावित सभी विद्यालयों का भौतिक निरीक्षण करने का भी निर्देश दिया है।