PATNA : बिहार में बाढ़ की वजह से बड़ी आबादी प्रभावित हुई है। बाढ़ के कारण राज्य में अब तक तीन लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य के लगभग 8 जिलों में लोग बाढ़ से बेहाल हैं। बाढ़ का सबसे ज्यादा असर सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज और पूर्वी चंपारण जिलों में देखने को मिल रहा है। इन 8 जिलों के 37 प्रखंडों के डेढ़ सौ से ज्यादा पंचायतों में बाढ़ का असर है।
राज्य सरकार ने जो आंकड़ा जारी किया है उसके मुताबिक तकरीबन 2 लाख 92 हजार लोग अभी बाढ़ की चपेट में हैं। सबसे ज्यादा बाढ़ की वजह से प्रभावित लोगों की संख्या दरभंगा जिले में है। दरभंगा में आंकड़ा अकेले डेढ़ लाख से ऊपर है जबकि किशनगंज में बाढ़ का असर सबसे कम है। सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में मदद का काम शुरू कर रखा है। सहायता के लिए अब तक आधा दर्जन से ज्यादा बाढ़ राहत कैंप खोले गए हैं। दरभंगा जिले में दो, सुपौल में दो, गोपालगंज में तीन राहत कैंप खोले गए हैं जहां तकरीबन 2000 से ज्यादा लोग रह रहे हैं। इन बाढ़ राहत कैंपों में लोगों को खाना मुहैया कराया जा रहा है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए राहत कैंपों में खास सावधानी बरती जा रही है। सरकार की तरफ से लोगों को मास्क मुहैया कराए गए हैं साथ ही साथ सामुदायिक रसोई के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक बाढ़ प्रभावित इलाकों में फिलहाल 27 सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है और इसके जरिए तकरीबन 20 हजार लोगों को खाना खिलाया गया है।
राज्य की 5 नदियां खतरे के निशान से फिलहाल ऊपर बह रही हैं। बागमती नदी दरभंगा, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर में खतरे के निशान के ऊपर हैं। कोसी और गंडक बराज से डिस्चार्ज हुआ पानी अपने इलाकों में फैल गया है। कमला बलान झंझारपुर में खतरे के निशान के ऊपर है। लखनदेई और मनुषमारा का पानी मुजफ्फरपुर के औराई और कटरा के बाढ़ प्रभावित इलाकों में तेजी के साथ खेल रहा है। अधवारा समूह की नदियां भी उफान पर हैं। मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक में उफान के चलते शहर के निचले इलाकों में पानी का दबाव भी बना हुआ है। अहियापुर इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।