PATNA : इन दिनों बिहार में पुलिस पर हमला बढ़ता जा रहा है. आपको बता दें कि पिछले डेढ़ साल के अंदर लगभग दर्जनों ऐसे मामले घटित हुए हैं, जिसमें पुलिस पर हमले हो चुके हैं. इनमें ज्यादातर वारंटी की गिरफ्तारी और शराब मामले में अतिक्रमण हटाने गई पुलिस पर हमले हुए हैं. जिसमें लगभग दर्जनों पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
बिहार में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. आम आदमी को टारगेट करने के साथ ही अब वे पुलिस को भी टारगेट कर रहे हैं. ताजा मामला बिहार की राजधानी पटना के कंकड़बाग थाना क्षेत्र के बाईपास का है, जहां बुधवार को अपराधी को गिरफ्तार कर ले जा रही पुलिस की टीम पर स्थानीय लोगों ने हमला बोल दिया. इसके अलावा आज नालंदा के इस्लामपुर में कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने गई पुलिस टीम पर भी भीड़ ने हमला कर दिया. इसमें पुलिस की जीप में तोड़फोड़ की. इस घटना में थानेदार सहित कई पुलिसकर्मी घायल हुए.
ज्यादातर मामलों में पुलिस शराब माफियाओं यह तस्करों को गिरफ्तार करने गई पुलिस पर हमले हुए हैं. दरअसल, बिहार पुलिस इन दिनों अभियान चलाकर शराब तस्करों और माफियाओं की गिरफ्तारी कर रहा है, जिसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ रहा है. ऐसी घटनाओं के बाद बिहार पुलिस मुख्यालय सजग हो गई है.
पुलिस मुख्यालय एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी या अन्य मामलों में छापेमारी के दौरान पुलिस पर लगातार हमले हो रहे हैं, जो कि कहीं से भी सही नहीं है. आम पब्लिक को पुलिस की मदद करनी चाहिए ना कि पुलिस पर हमले करने चाहिए.
ऐसी घटनाओं की वृद्धि को देखते हुए पटना के सभी अनुमंडल में एक-एक क्विक रिस्पांस टीम तैनात की जाएगी, जिसमें एक पुलिस अधिकारी सहित 10 जवान तैनात रहेंगे और छापेमारी यह गिरफ्तारी के लिए उस अनुमंडल के पुलिस के साथ यह क्यूआरटी टीम भी जाएंगे. इसमें महिला पुलिस को भी शामिल किया जाएगा.
पुलिस मुख्यालय ने गिरफ्तारी या वारंटी करने जा रही पुलिस को पर्याप्त संख्या में पुलिस बल लेकर जाने का निर्देश दिया है, ताकि इस तरह की घटनाएं घटित ना हो सके. इसके साथ-साथ उन्होंने बताया है कि जो लोग भी कानून को हाथ में ले रहे हैं, उन को बख्शा नहीं जाएगा. स्पीडी ट्रायल करवा कर उन्हें सजा दिलाई जाएगी ताकि भविष्य में ऐसा गलती करने से पहले उन्हें सबक मिल सके.