PATNA : बिहार में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है. नेपाल के तराई वाले इलाकों में लगातार हुई बारिश के बाद नदियां उफान पर हैं. उत्तर बिहार की ज्यादातर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बाल्मीकि नगर स्थित गंडक बराज से लगभग 3 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है.
बिहार में जो नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, उसमें अररिया जिले के अंदर परमान नदी खतरे के निशान से लगभग 53 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. खगड़िया के बलतारा में कोसी नदी खतरे के निशान से 143 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. सुपौल जिले में कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. बछुआ में कोसी का जलस्तर खतरे के निशान से 1 सेंटीमीटर ऊपर चला गया है. मुजफ्फरपुर के बेनीबाद में बागमती नदी खतरे के निशान से 79 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है.
बाढ़ के कारण कई जिलों के निचले इलाकों से विस्थापन तेज हो गया है. मुजफ्फरपुर में बागमती खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. औराई के बभनगावां पश्चिमी बागमती तटबंध के अंदर विस्थापित परिवारों के करीब एक हजार घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. नाव के सहारे लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं. कटरा से सोनपुर जाने वाली सोनपुर बांध में तेजी से रिसाव हो रहा है. कभी भी बांध के टूट जाने की आशंका है. बांध टूटने से, सोनपुर,गोटोली, बंजारी महादलित टोला, सिसवारा गांव डूब जाएंगे.
दरभंगा के कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के निचले इलाके में बसी चार पंचायतों में कोसी नदी का पानी धीरे-धीरे फैल रहा है. वहीं कमला बलान का पानी घनश्यामपुर प्रखंड के बाऊर गांव के दो सौ नए घरों में घुस गया. प्रखंड के डूब क्षेत्र में बसे 10 गांवों में संकट और बढ़ गया है. मोतिहारी के संग्रामपुर से पुछरिया गांव का सड़क सम्पर्क भंग हो गया है.