PATNA : उत्तर बिहार के साथ-साथ नेपाल के कैचमेंट एरिया में लगातार हो रही बारिश ने नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ा रखा है। बिहार में अधवारा समूह की नदियों से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। अधवारा समूह की नदियों में उफान की वजह से कई जिलों में यह खतरा मंडरा रहा है। दरभंगा और मधुबनी जिला के कई जगहों पर हालात खराब हुए हैं। मधुबनी के बिस्फी में धौस नदी का पानी निचले इलाकों में फैलने लगा है जबकि दरभंगा के गौड़ाबौराम प्रखंड के कई इलाके पानी से घिर गए हैं।
राज्य के जिन इलाकों में नदियां खतरे के निशान के आसपास या ऊपर हैं उनमें सीतामढ़ी के बेलसंड के चंदौली घाट पर बागमती नदी के जल स्तर में वृद्धि हुई है। पश्चिम चंपारण के सिकरहना और पंडई के आसपास जल स्तर में वृद्धि जारी है जबकि मोतिहारी में लालबकेयाऔर लालबेगिया के जलस्तर में भी लगातार इजाफा हुआ है। बाल्मिकीनगर बराज से शनिवार को 91200 क्यूसेक पानी गंडक में छोड़ा गया। समस्तीपुर जिले में गंगा और बूढ़ी गंडक नदी में उफान जारी है अधिकांश नदियां खतरे के निशान के पास पहुंच चुकी हैं। शनिवार को बूढ़ी गंडक का जलस्तर 45.25 मीटर रहा यहां खतरे का निशान 45.73 मीटर है। करेह नदी का जलस्तर हायाघाट में 42.74 मीटर रहा यहां खतरे का निशान 45.7 मीटर है जबकि गंगा का जलस्तर 43.13 मीटर रहा यहां खतरे का निशान 45.50 मीटर है।
मुजफ्फरपुर में लखनदेई नदी में उफान जारी है। औराई और कटरा प्रखंड में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। औराई के कुशवाहा टोला में लखनदेई नदी का पानी चढ़ने के कारण आवागमन बाधित हो गया है। मुजफ्फरपुर में शनिवार को रेवाघाट पर गंडक नदी का जलस्तर 52.81 मीटर रहा यहां खतरे का निशान 54.41 मीटर है। सीतामढ़ी में बागमती नदी कटौझा में लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सीतामढ़ी में मनुषमरा नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ा है जिससे कई इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है।