बिहार में अल्पसंख्यकों द्वारा दलित उत्पीड़न की घटनाओं में इजाफे से BJP नाराज, संजय जयसवाल बोले.. हालात चिंताजनक, पुलिस का रवैया भी सही नहीं

बिहार में अल्पसंख्यकों द्वारा दलित उत्पीड़न की घटनाओं में इजाफे से BJP नाराज, संजय जयसवाल बोले.. हालात चिंताजनक, पुलिस का रवैया भी सही नहीं

PATNA : बिहार में अल्पसंख्यकों द्वारा दलित उत्पीड़न के मामलों में इजाफा हुआ है. यह हम नहीं कह रहे बल्कि सरकार में शामिल भारतीय जनता पार्टी का कहना है. सरकार में शामिल बीजेपी ने अब ऐसी घटनाओं को लेकर चिंता जाहिर की है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि बिहार में दलितों के विरुद्ध अल्पसंख्यकों की तरफ से जो कुछ किया जा रहा है, वह वाकई बेहद चिंताजनक है. बिहार के हालात को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद वहां हुए दलितों पर अत्याचार और 1947 में आजादी के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन दलित कानून मंत्री योगेंद्र नाथ मंडल के कहने पर दलित समाज के ऊपर बांग्लादेश में हुई हिंसा को याद किया है.


दरअसल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और पश्चिम चंपारण से सांसद डॉक्टर संजय जयसवाल ने रामगढ़वा के धन गढ़वा गांव में दलित समाज के लोगों का रास्ता अल्पसंख्यक समाज के कुछ लोगों की तरफ से बंद किए जाने के मामले पर चिंता जताते हुए यह बात कही है. उन्होंने कहा है कि जब उन्हें जानकारी मिली कि दलित समाज के लोगों के रास्ते को अल्पसंख्यक समाज ने बंद कर दिया है तो मैंने इस मामले में फलनवा थाना प्रभारी से बात की और उनके साथ जिलाधिकारी ने स्वयं मौके पर जाकर इस परेशानी को दूर किया. लेकिन कुछ दिनों में इस तरह की घटनाएं काफी बढ़ गई है.


किशनगंज और पूर्णिया जिले में ऐसे मामले काफी देखने को मिले हैं. वह ऐसी में दलितों के साथ जो अत्याचार हुआ उस पर भी सरकार ने संज्ञान लिया और वहां दलितों को इंसाफ दिलाया लेकिन प्रशासन को चौकस रहने की जरूरत है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि बात तब और बिगड़ जाती है. जब पीड़ित दलित परिवार पुलिस से मदद मांगने जाते हैं तो उनके खिलाफ दंगे के समय सिद्धांत के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है और पुलिस अपनी जिम्मेदारी से भाग जाती है. ऐसी आधा दर्जन घटनाओं को उन्होंने ढाका के इलाके में देखा है.


बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि चंपारण के ढाका में इस तरह के कई मामले देखने को मिले हैं, जहां पहले सहनी और फिर नोनिया समाज के बाद अब पासवान जाति के बारात को ना केवल निकलने पर पीटा गया बल्कि जब पीड़ित पुलिस से मदद मांगने गए तो उनके खिलाफ दंगे का केस दर्ज कर दिया गया.


डॉक्टर संजय जयसवाल ने कहा है कि जनप्रतिनिधियों के द्वारा इस तरह की घटनाओं पर तुरंत संज्ञान लेकर निदान कर दिया जाता है. तो भविष्य में स्थितियां हाथ से नहीं निकलती हैं. पर जब जिला प्रशासन एक तरफ खड़ा होकर निर्दोषों को भी दंड देने के लिए कहता है. तो समाज में बहुत गलत संदेश जाता है, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान से लगता है कि बिहार में पुलिस ऐसे मामलों में एकतरफा कार्रवाई कर रही है. बीजेपी अपनी सरकार के ऊपर उंगली उठा रही है.  और डॉक्टर संजय जयसवाल के शब्दों में कहें तो जिला प्रशासन एकतरफा कार्रवाई कर समाज में गलत मैसेज दे रहा है. नीतीश कुमार के सुशासन वाली नीति और सबको साथ लेकर चलने वाली न्याय के सिद्धांत पर बीजेपी ने अब बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.