1st Bihar Published by: Updated Sun, 17 May 2020 10:48:52 AM IST
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PATNA : बिहार के थानों के रिकॉर्ड को अब कम्प्यूराइज्ड किया जा रहा है। दस्तावेज के रुप में रखे गये रिकॉर्ड के डिजिटलाइजेशन का काम शुरू कर दिया गया है। फिलहाल पटना समेत 30 जिलों में यह काम जारी है। डिजिटलाइजेशन का मकसद सभी थानों के रिकॉर्ड को को कम्प्यूटराइज्ड कर डिजिटल फार्म में ऑनलाइन रखना है। इसके बाद पुलिस अधिकारी अपने क्षेत्राधिकार से जुड़े थाने के किसी भी रकार्ड को ऑनलाइन देख सकेंगे।
थानों में मौजूद 10 वर्ष तक के तमाम पुराने रिकॉर्ड या डाटा को कम्प्यूटराइज्ड किया जाना है। पटना जिले में इस पर 2019 में काम शुरू कर दिया गया था। इसके लिए गांधी मैदान थाने में एक सेंटर बना है जहां जिला भर के थानों के रकार्ड मंगाकर उन्हें डिजिटलाइज किया जा रहा है। अब 30 जिलों में यह काम शुरू हो चुका है। लॉकडाउन के चलते इसकी रफ्तार धीमी है। डिजिटलाइजेशन के बाद सभी रिकॉर्ड को कम्प्यूटर में अपलोड किया जाएगा। यह काम सीसीटीएनएस परियोजना का हिस्सा है। प्रथम चरण में 894 थानों को इसे जोड़ना है। बाकी थानों को दूसरे चरण में जोड़ा जाएगा। बाकी थानों को दूसरे चरण में जोड़ा जाएगा। 10 साल का रिकॉर्ड के कम्प्यूटर पर अपलोड होने के बाद यह सिलसिला चलता रहेगा। हर एक केस से जुड़े रिकॉर्ड इसी तर्ज पर अपलोड कर दिए जाएंगे।
रिकॉर्ड को कम्प्यूराइज्ड करने का काम अक्टूबर 2020 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। आने वाले कुछ दिनों में बाकी के जिलों में भी रिकार्ड को कम्प्यूटराइज्ड करने का काम शुरू कर दिया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक देश के सभी थानों को सीसीटीएनएस परियोजना के तहत जोड़ना है। राज्यों में अलग-अलग यह काम हो रहा है। कई राज्यों में यह काम हो चुका है वहां तमाम डाटा अपलोड किया जा चुका है।