Patna Crime News: एक और हत्या से दहला पटना, अब ग्रामीण चिकित्सक को बदमाशों ने उतारा मौत के घाट Voter List Revision Bihar: बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान में अब तक 6.32 करोड़ फॉर्म जमा, शहरी क्षेत्रों में धीमी रफ्तार Voter List Revision Bihar: बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान में अब तक 6.32 करोड़ फॉर्म जमा, शहरी क्षेत्रों में धीमी रफ्तार Bihar News: बिहार में अवैध खनिज परिवहन के खिलाफ चला S-Drive अभियान, 80 वाहन जब्त, 1.93 करोड़ का जुर्माना Bihar News: बिहार में अवैध खनिज परिवहन के खिलाफ चला S-Drive अभियान, 80 वाहन जब्त, 1.93 करोड़ का जुर्माना Patna Crime News: पटना के पॉश इलाके में पार्क में बदमाशों ने की ताबड़तोड़ फायरिंग, दहशत में लोग Patna Crime News: पटना के पॉश इलाके में पार्क में बदमाशों ने की ताबड़तोड़ फायरिंग, दहशत में लोग Bihar Crime News: पुलिस की गिरफ्त में आया इनामी विनोद राठौड़, सांसद को दी थी बम से उड़ाने की धमकी Bihar Crime News: पुलिस की गिरफ्त में आया इनामी विनोद राठौड़, सांसद को दी थी बम से उड़ाने की धमकी Bihar News: बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण बनी बड़ी मुसीबत, परेशान BDO ने DM को भेजा इस्तीफा, वरीय अधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप
1st Bihar Published by: Updated Tue, 31 May 2022 08:40:25 AM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार में शराबबंदी कानून लागु होने के बाद भी शराब पिने वालों और बेचने वालों की कमी नहीं है। राज्य के तीन जिलों में अफीम की खेती चोरी-छुपे की जा रही है। आर्थिक अपराध इकाई के स्तर से तीन प्रभावित जिले जिसमें गया, औरंगाबाद और जमुई शामिल है। ऐसे में पहले से चौकसी बरतने की वजह से इस बार इसकी खेती पर पूरी तरह से नकेल कसी जाएगी।
दिसंबर से मार्च के बीच होती है खेती
बताया जाता है कि पिछले साल दो जिले औरंगाबाद और जमुई में अफीम की खेती पर कुछ हद तक नियंत्रित हुई, लेकिन गया के बाराचट्टी और धनगई इलाकों में अफीम की खेती घने जंगल वाले इलाकों की गई। इसकी खेती मुख्य रूप से दिसंबर से मार्च के बीच की जाती है। बरसात का मौसम आते ही इसकी तैयारी शुरू कर दी जाती है। गये जिले को खासतौर से चौकसी बरतने का निर्देश दिया गया है। पिछले तीन सालों में सबसे अधिक गया जिले के इन दोनों इलाकों से अफीम की फसल नष्ट किया गया है।
620 एकड़ अफीम की फसल नष्ट
साल 2019-20 में 470 एकड़, 2020-21 में 584 एकड़ और 2021-22 में 620 एकड़ अफीम की फसल खेतों में जाकर प्रशासन ने नष्ट किया है। इस अभियान में सीआरपीएफ का विशेष भूमिका होता है। अफीम की फसलें घने और सुनसान जंगलों के बीच की जाती है। गया के इन इलाकों में इसे नक्सली भी संरक्षण दिया करते हैं। नक्सलियों की आर्थिक स्थिति को सहारा देने में अफीम की खेती की भूमिका बेहद अहम है। ऐसे में इन फसलों को नष्ट करने पर नक्सलियों की ओपियम इकोनॉमी भी नष्ट हो जाती है। लेकिन इस बार पुलिस मुख्यालय के स्तर से अफीम की खेती पर पहले से ही नकेल कसने की तयारी कर रही है। ताकि इसकी शुरुआत ही न हो पाए।