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1st Bihar Published by: Updated Fri, 29 Apr 2022 06:21:01 PM IST
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Gaya: बिहार सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई अभियान चलाई है। लेकिन सुशासन की सरकार में क्या सच में महिलाएं सुरक्षित है? ये सवाल हर घर ही महिलाओं की है। यौन उत्पीड़न का आरोप न सिर्फ आम आदमी पर लगा है, बल्कि सुरक्षा देने वाले ही भक्षक बन जाते है। ऐसा ही एक मामला गया से आ रही है, जहां जिला पंचायती राज अधिकारी के ऊपर एक महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। डीपीआरओ कार्यालय में ही काम करने वाली महिला ने इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में महिलाकर्मी ने डीपीआरओ की गंदी करतूतों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगायी है। पत्र के संज्ञान में आते ही पटना से गया तक का प्रशासनिक महकमा सक्रिय हो गया। गया के डीएम डॉ. त्याग राजन ने तत्काल जांच के आदेश दिया है। उन्होंने डीडीसी से 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी है।
बताया जाता है कि पीड़ित महिला ने अपने साथ हुई घटना को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र में कहा है कि डीपीआरओ राजीव ने उसके साथ यौन उत्पीड़न किया है और धमकी भी दी है। आगे यह भी लिखा है कि डीपीआरओ अपने काले शीशे वाले चैंबर में लैपटॉप का बहाना बनाकर अंदर बुलाए। पहले तो खूब डांटा, जब मेरे आंखों में आंसू आ गया तो वहां खड़े ड्राइवर को पानी लाने के बहाने बाहर भेज दिया। उसके बाहर जाते ही डीपीआरओ ने मुझे पकड़ लिया और गंदी हरकतें करने लगे। जब मैंने मना किया और कमरे से भागने की कोशिश करने लगी तो डीपीआरओ ने पीछे से पकड़ लिया। कहने लगे कि यह बातें किसी भी तरह से बाहर आई तो अंजाम अच्छा नहीं होगा। जिसके बाद जान से मारने की धमकी भी दी।
इस पत्र में पीड़िता ने सिर्फ अपने नाम और मोहल्ले का ही जिक्र किया है। सूचना के अनुसार पंचायती राज कार्यालय में उस नाम की कोई महिला कार्यरत नहीं है। कार्यालय में काम कर रही अन्य महिला कर्मियों से पूछताछ की जा रही है। वहीं, मुख्यमंत्री को भेजी गयी चिट्ठी को लेकर पूछे गये सवाल पर डीपीआरओ राजीव कुमार भड़क उठे। डीपीआरओ का कहना है कि यह आरोप बेबुनियाद है और वह ऐसी किसी भी महिला को नहीं जानते। उन्होंने यह भी कहा है कि जांच से क्या होता है, हमने लिख कर दे दिया है कि जिस नाम से मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया है, उस नाम की कोई महिला कर्मी है ही नहीं।
वहीं, कार्यालय के लोगों का कहना है कि महिला ने अपना वास्तव नाम छुपाया है। शिकायत पत्र में जो भी लिखा है वो दूसरे नाम से लिखा गया है। पीड़िता के साथ राजीव की कई तस्वीरें भी सामने आयी हैं। कर्मियों का कहना है कि अगर सही से जांच हो तो सारी बातें सामने आ जाएंगी। जिसके बाद जांच दल ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। इस मामले का जिम्मा उप विकास आयुक्त को दी गयी है। जांच दल में जिला प्रोग्राम अधिकारी और श्रम अधीक्षक भी शामिल हैं।