PATNA : बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी कोटे के कई विभागों की जांच कराने की घोषणा की है। इसमें पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के भी विभाग शामिल हैं। इस बीच राजद के विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने भी एक जांच की मांग की है। सुधाकर सिंह ने कहा है कि- बिहार में वर्ष 2008 से अभी तक चार कृषि रोड मैप लागू किए गए हैं। कृषि रोड मैप के तहत जो कुछ भी सरकार की योजनाएं थीं, वह पूरी तरह से फेल रही है।
राजद के विधायक सुधाकर सिंह ने कहा कि- बिहार में अभी तक तीन कृषि रोडमैप तैयार किया गया है। पहला कृषि रोडमैप 2008 से 2012 एवं दूसरा 2012-2017 का कार्यान्वयन पूर्ण हो चुका है तथा तीसरे कृषि रोडमैप 2017-2022 का कार्यान्वयन अभी किया जा रहा है। वर्तमान में बिहार में चतुर्थ कृषि रोडमैप तैयार करने की प्रक्रिया पर कार्य किया जा रहा है। ऐसे में यह आवश्यक है कि पूर्व में कार्यान्वित तीनों कृषि रोडमैप का परिणामी मूल्यांकन कराया जाय।
यह देखा जाना आवश्यक है कि पूर्व में कार्यान्वित कृषि रोडमैपों का बिहार में कृषि के विकास में क्या प्रभाव हुआ है? किसानों की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में कितना बदलाव आया है? साथ हीं यह भी देखा जाना आवश्यक है कि तीनों कृषि रोडमैप अपने निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति करने में किस हद तक सफल हो पाया है? पूर्व में कार्यान्वित कृषि रोडमैप की योजनाओं के परिणामी मूल्यांकन के उपरांत ही चतुर्थ कृषि रोडमैप का निर्माण करना तर्कसंगत होगा ताकि आगामी कृषि रोडमैप में पूर्व के कृषि रोडमैपों के अनुभवों / परिणामों / चुनौतियों / आवश्यकताओं को समाहित किया जा सके।
अतः निदेश दिया जाता है कि अभी तक कार्यान्वित तीनों कृषि रोडमैप का थर्ड पार्टी मूल्यांकन कराया जाय। इसके लिए एजेन्सी का चयन सहित अन्य सभी आवश्यक कार्रवाई 15 दिनों के अंदर पूर्ण कर लिया जाय तथा मूल्यांकन हेतु एजेण्डा एवं समयबद्ध कार्यक्रम तैयार कर अधोहस्ताक्षरी के अवलोकनार्थ उपस्थापित किया जाय।
सुधाकर सिंह ने कहा कि कृषि रोड मैप में बहुत बड़ा घोटाला हुआ है, इसलिए सबसे पहले सरकार को कृषि रोड मैप की जांच करवानी चाहि। उन्होंने कहा कि कई बार हम सरकार में रहकर भी सरकार को पीत पत्र भी लिखा था लेकिन उसको लेकर सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया था। अब जब कई विभागों की जांच सरकार करवा रही है तो मांग करेंगे कि कृषि विभाग में कृषि रोड मैप की जांच भी अवश्य होनी चाहिए, क्योंकि वर्ष 2008 से बिहार में कृषि रोड मैप लागू किया गया और यह चौथा कृषि रोड मैप है।
पूर्व कृषि मंत्री ने सीएम नीतीश कुमार से बिहार कृषि रोड मैप की जांच की मांग की है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर पत्र साझा करते हुए लिखा मुझे आशा है माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से पिछले तीन कृषि रोड मैप का जांच जरूर करवायेंगे और भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों पर कठोर कार्रवाई भी करेंगे।