PATNA : बिहार में नदियों के बढ़ते जलस्तर के बीच बाढ़ का खतरा बढ़ते जा रहा है लेकिन नेपाल के हालिया रवैया ने सूबे के सामने गंभीर संकट पैदा कर दिया है. नेपाल से आने वाली नदियों के जल स्तर पर नियंत्रण के लिए बिहार सरकार बाढ़ रक्षात्मक कार्य कराती रही है लेकिन इस बार नेपाल ने इस पर रोक लगा दिया है. गंडक बराज के 36 गेटों में से 18 नेपाल के इलाके में पड़ते हैं, जहां बाढ़ से बचाव के लिए काम कराया जा रहा था.
नेपाल के नियंत्रण वाले इलाकों में बाढ़ से सुरक्षा के लिए कराए जा रहे हैं. काम पर वहां की सरकार ने रोक लगा दी है. जिससे बिहार के डूबने का खतरा बढ़ गया है. नीतीश सरकार ने इस मामले में केंद्र सरकार के पास त्राहिमाम संदेश भेजा है. बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा है कि राज्य सरकार की तरफ से विदेश मंत्रालय और केंद्र सरकार को इस बारे में जानकारी दे दी गई है. उन्होंने बताया कि हमारे स्थानीय इंजीनियर और डीएम संबंधित अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं. यदि इस मुद्दे को समय पर संबोधित नहीं किया जाता है, तो बिहार के प्रमुख हिस्से में बाढ़ आ जाएगी.
जल संसाधन मंत्री ने आगे बताया कि नेपाल गंडक बांध के लिए मरम्मत कार्य की अनुमति नहीं दे रहा है, जो नो मेंस लैंड के पास लाल बकेया नदी के पास पड़ता है. इसके अलावा, उन्होंने कई अन्य स्थानों पर मरम्मत का काम रोक दिया है. पहली बार, हम लोगों की ऐसी समस्या का सामना कर रहे हैं. वाल्मिकी नगर के गंडक बराज के करीब 36 गेट हैं और 18 गेट नेपाल की तरफ हैं, वहां जो बाढ़ से निपटने का सामान है उसमें उन्होंने बैरियर लगा रखे हैं, जो आजतक कभी नहीं हुआ है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि वहां मैटिरियल ले जाने,काम करने, आवाजाही में नेपाल दिक्कत कर रहे हैं. मैं भारत सरकार के MEA को सारी स्थिति बताते हुए पत्र लिख रहा हूं. अगर वहां तक नहीं पहुंचे तो बिहार के ज्यादातर हिस्से बाढ़ में डूब जायेंगे.