बिहार की सबसे बड़ी खबर: डिप्टी सीएम के कार्यकाल में तेजस्वी द्वारा लिये गये फैसलों पर रोक लगी, जांच के बाद कार्रवाई होगी

बिहार की सबसे बड़ी खबर: डिप्टी सीएम के कार्यकाल में तेजस्वी द्वारा लिये गये फैसलों पर रोक लगी, जांच के बाद कार्रवाई होगी

PATNA: 12 फरवरी को बिहार विधानसभा में जब नीतीश कुमार विश्वासमत हासिल कर रहे थे तो उन्होंने बड़ा आरोप लगया था. नीतीश कुमार ने कहा था कि राजद के लोग सत्ता में रहकर माल कमा रहे थे. नीतीश कुमार ने 4 दिन बाद इस पर एक्शन ले लिया है. डिप्टी सीएम सीएम रहते तेजस्वी यादव ने जो फैसले लिये थे, उन पर रोक लगा दिया गया है. तेजस्वी के साथ साथ राजद के दो और तत्कालीन मंत्रियों द्वारा लिये गये फैसले पर रोक लगायी गयी है. उन सारे फैसलों की जांच होगी और फिर आगे की कार्रवाई की जायेगी.


नीतीश कुमार का आदेश

बिहार सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग की ओर से शुक्रवार की शाम आदेश जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि सरकार के स्वास्थ्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग औऱ लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग में 1 अप्रैल 2023 से मंत्री के स्तर पर जो काम किये गये थे या फैसले लिये गये थे उन्हें तत्काल रोक दिया जाये. उन तमाम फैसलों की समीक्षा की जाये औऱ जरूरी हो तो उसमें संशोधन किया जाये. पुराने मंत्री द्वारा लिये गये फैसलों की जानकारी मौजूदा मंत्री को दिया जाये औऱ उऩसे जरूरी दिशा निर्देश लिया जाये.


जिन विभागों में पूर्व मंत्री के फैसलों की समीक्षा का आदेश जारी हुआ है, उनमें चार विभाग तेजस्वी यादव के पास थे. डिप्टी सीएम रहते तेजस्वी यादव ने स्वास्थ्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, नगर विभाग एवं आवास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग अपने पास रखा था. वहीं राजद के दो और तत्कालीन मंत्रियों के कामकाज की जांच के आदेश जारी हुए हैं. राजद के रामानंद यादव खान एवं भूतत्व विभाग का काम देख रहे थे तो ललित यादव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्री. इन दोनों के फैसलों पर भी रोक औऱ समीक्षा का आदेश जारी हुआ है.


पहले ही कर दिया था एलान

बता दें कि बिहार में नयी सरकार बनने के बाद सम्राट चौधरी ने ये एलान किया था कि तेजस्वी ने डिप्टी सीएम और मंत्री रहते जो फैसला लिया था, उसकी जांच करायेंगे. सारे फाइल खोले जायेंगे. वहीं नीतीश कुमार भी राजद की कारगुजारियों की जांच कराने का एलान कर चुके हैं.


बता दें कि इससे पहले आज ही डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने श्रम संसाधन विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उसकी जांच दिया था.  विजय कुमार सिन्हा ने आज श्रम संसाधन विभाग की फाइलें टटोली. श्रम संसाधन विभाग के तहत ही बिहार के सारे आईटीआई कॉलेज आते हैं. विजय कुमार सिन्हा ने सारे फाइलों के निरीक्षण के बाद कहा कि आईटीआई कॉलेजों के लिए मशीनरी औऱ दूसरे सामानों की खरीददारी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी गयी है. उन्होंने कहा कि दो हजार से 5 हजार का सामान 50 हजार में खरीदा गया. बडे पैमाने पर ऐसे सामानों की खरीददारी की गयी है. इसकी जांच के आदेश दे दिये गये हैं. पहले विभागीय स्तर पर जांच होगी. जरूरत पड़ी तो निगरानी जांच करायी जायेगी.


दागी अधिकारियों की पोस्टिंग

डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि श्रम संसाधन विभाग में बड़े पैमाने पर खेल चल रहा था. दागी अधिकारियों की मलाईदार जगह पर पोस्टिंग की गयी थी. एक ही अधिकारी को कई पदों का प्रभार दिया गया था. अब तय किया गया है कि कोई भी अधिकारी विभाग में दो पदों के प्रभार में नहीं रहेगा. डिप्टी सीएम ने कहा कि आईटीआई कॉलेजों में कई और खेल चल रहा है. छात्र के बदले दूसरे लोग परीक्षा दे रहे हैं. ऐसे तमाम मामलों की जांच का आदेश दे दिया गया है.


तेजस्वी यादव के विभाग की भी फाइल खुलेगी

डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पथ निर्माण विभाग में भी बड़ा खेल चल रहा था. ये विभाग पहले तेजस्वी प्रसाद यादव के पास था. विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पथ निर्माण विभाग वसूली का विभाग बन गया था. अब भ्रष्टाचार रोकने के लिए सख्त आदेश जारी किये गये हैं. सारी फाइलों की जांच हो रही है. उन्होंने कहा कि पहले की सरकार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अपने पास सारे कमाई वाले विभाग रखे थे. उनका मकसद क्या था ये सामने आ चुका है. अब सारे मामलों की जांच होगी और कार्रवाई होगी.