बिहार की नयी सरकार में ‘लोचा’ है! मंत्रिमंडल गठन के 3 दिनों बाद भी विभागों का बंटवारा नहीं, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ

बिहार की नयी सरकार में ‘लोचा’ है! मंत्रिमंडल गठन के 3 दिनों बाद भी विभागों का बंटवारा नहीं, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ

PATNA: बिहार में 28 जनवरी को नीतीश कुमार के नेतृत्व में नये गठबंधन की सरकार ने शपथ लिया था. नीतीश कुमार समेत दो डिप्टी सीएम और 6 मंत्रियों ने शपथ ली थी. लेकिन शपथ ग्रहण के तीन दिन बीत चुके हैं और अब तक सारे उप मुख्यमंत्री और मंत्री बिना विभाग के मंत्री बने हुए हैं. बिहार के सारे विभाग नीतीश कुमार के पास हैं. नीतीश कुमार के लगभग 18 सालों के कार्यकाल में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ.


आलम ये है कि राज्य सरकार ने अपने दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी औऱ विजय कुमार सिन्हा को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा देने का एलान तो कर दिया है लेकिन उन्हें सरकारी गाड़ी नहीं मिली है. बता दें कि किसी भी डिप्टी सीएम या मंत्री को उस विभग की ओर से गाड़ी दी जाती है, जिसका प्रभार उनके पास होता है. सिर्फ सीएम के लिए ही अलग से गाड़ी की व्यवस्था होती है.


सम्राट और विजय ने गाड़ी वापस की

सूत्र बताते हैं कि दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को राज्य सरकार के कैबिनेट विभाग ने गाड़ियां भिजवायी थी. उन्हें स्वास्थ्य विभाग और पथ निर्माण विभाग की गाड़ियां भिजवायी गयी थी. ये वही विभाग हैं जो पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के पास थी. लेकिन दोनों मौजूदा डिप्टी सीएम ने गाडियो को वापस कर दिया. वे विभागों का बंटवारा होने के बाद ही गाड़ी लेने की बात कर रहे हैं.


नीतीश के शासनकाल में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ

मंत्रिमंडल के गठन के 3 दिन बाद तक विभागों का बंटवारा नहीं होना, ये नीतीश कुमार के पिछले 18 सालों के कार्यकाल को देखते हुए अजूबा सा लग रहा है. ये संकेत दे रहा है कि सरकार के अंदर सब कुछ ठीक नहीं है. हम बताते हैं कि इससे पहले जब नीतीश कुमार की सरकार बनी तो मंत्रियों के बीट विभागों का बंटवारा कैसे किया गया था.


2015 में नीतीश कुमार ने राजद के साथ मिलकर सरकार बनायी थी. 20 नवंबर 2015 को नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव समेत 23 मंत्रियों ने शपथ लिया. उसी दिन विभागों का बंटवारा कर दिया गया था. करीब दो साल तक राजद के सरकार में रहने के बाद 2017 में नीतीश ने यू टर्न मार लिया था. नतीजन 2017 में नीतीश औऱ बीजेपी की सरकार बनी. उस सरकार में 27 जुलाई 2017 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने शपथ लिया था. 29 जुलाई 2017 को 27 और मंत्रियों ने शपथ लिया. मंत्रियों के शपथ लेने के कुछ घंटे बाद ही सभी के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया था.


बात करें 2020 की जब बिहार विधानसभा के चुनाव हुए थे. चुनाव के बाद जेडीयू औऱ बीजेपी की सरकार बनी थी. 2020 में 16 नवंबर को नीतीश कुमार, दो डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद औऱ रेणु देवी समेत 15 मंत्रियों ने शपथ लिया था. 17 नवंबर 2020 को ही मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया था.


हालांकि इस सरकार के दो साल भी पूरे नहीं हुए थे कि नीतीश कुमार ने 2022 में पलटी मार लिया था. वे भाजपा का साथ छोड़ कर राजद की अगुआई वाले महागठबंधन में शामिल हो गये थे. नीतीश कुमार ने 2022 में 9 अगस्त को राजद, काग्रेस के साथ सरकार बनायी थी. नीतीश कुमार के अलावा डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ कुल 31 मंत्रियो ने शपथ लिया. सारे मंत्रियों के बीच उसी दिन विभागों का बंटवारा हो गया था.


इस बार क्यों हो रही है देर

ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि 2024 में नयी सरकार बनने के बाद देर क्यों हो रही है. सूत्र बता रहे हैं कि बीजेपी और जेडीयू में अभी भी विभागों का बंटवारा फाइनल नहीं हो पाया है. हालांकि नीतीश कुमार बीजेपी को वो सारे विभाग देने को तैयार हैं जो पहले राजद औऱ कांग्रेस के पास थे. लेकिन बीजेपी गृह और सामान्य प्रशासन जैसे अहम विभागों में से एक लेना चाह रही है. 


परेशानी ये है कि बीजेपी के सारे फैसले केंद्रीय नेतृत्व कर रहा है. बिहार बीजेपी के नेताओं के पास कुछ फाइनल करने का अधिकार नहीं है. बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व अभी देश के दूसरे मामलों में फंसा है. लिहाजा ये तय ही नहीं हो पा रहा है कि भाजपा के पास कौन विभाग आयेंगे. हालांकि नीतीश तैयार बैठे हैं, उन्हें अपने किस मंत्री को कौन सा विभाग देना है ये पहले से तय है. लेकिन सवाल ये है कि बीजेपी कब विभागों का बंटवारा फाइनल करेगी.