बिहार के यूनिवर्सिटी में होगा नया सिलेबस, अब वेद-पुराण और वसुधैव कुटुंबकम का पाठ पढ़ेंगे छात्र, राजभवन ने जारी किया अधिसूचना

बिहार के यूनिवर्सिटी में होगा नया सिलेबस, अब वेद-पुराण और वसुधैव कुटुंबकम का पाठ पढ़ेंगे छात्र, राजभवन ने जारी किया अधिसूचना

PATNA : बिहार में अब यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्र - छात्राओं को  वेद - पुराण, भारतवर्ष की अवधारणा और कुटुंबकम का पाठ पढ़ाया जाएगा। राजभवन के तरफ से राज्य के अलग -अलग यूनिवर्सिटी को भेजे गए नए चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में नई चीजें शामिल की गई हैं। इसके बाद इतिहास से स्नातक करने वालों को वेद, पुराण, स्मृतियां आदि के बारे में भी पढ़ना होगा। राजभवन की ओर से फिलहाल दो सेमेस्टर का सिलेबस जारी किया गया है। 


दरअसल, राजभवन द्वारा भेजे गए सिलेबस में इतिहास के छात्रों के लिए टाइम और स्पेस (दिक्-काल) की भारतीय अवधारणा, ब्राह्मी, खरोष्ठि, पाली और अवहट्ट लिपि का विकास, भारतीय भाषाओं और बोलियों का विकास जैसे विषय भी पढ़ाए जाने की बातें कही गई है। जबकि राजनीति विज्ञान में छात्रों को वैश्विक राजनीति के बारे में पढ़ाया जाएगा। हिन्दी में छात्रों को लोक साहित्य और प्रयोजनमूलक हिन्दी पढ़ाई जाएगी। दर्शनशास्त्र में समकालीन भारतीय दर्शन के बारे में अध्याय होंगे। नए सिलेबस के साथ इसके संदर्भ पुस्तकों का भी उल्लेख किया गया है। 



वहीं, राजभवन की तरफ से जारी सिलेबस में विषय के लिए क्रेडिट और कक्षाओं की संख्या भी तय कर दी गई है। हर विषय के लिए अलग-अलग कक्षाएं रखी गई हैं। इसके अलावा कौन सा अध्याय कितने नंबर का है, यह भी तय किया गया है। परीक्षा में उस विषय में कितने सवाल पूछे जाएंगे इसका जिक्र भी सिलेबस में कर दिया गया है। इसके साथ ही सिलेबस में किस विषय के साथ कौन सा स्किल एन्हांसमेंट कोर्स छात्रों को पढ़ना होगा, इसकी सूची भी जारी की गई है। स्किल एन्हांसमेंट कोर्स कितने नंबर और कितने क्रेडिट के होंगे इसकी भी जानकारी नए सिलेबस में दी गई है।



इसके आलावा चार वर्षीय स्नातक कोर्स में चौथे साल में छात्रों को रिसर्च मेथोडोलॉजी की पढ़ाई करनी होगी। नए सिलेबस में रिसर्च मेथोडोलॉजी का भी ब्योरा दिया गया है। हालांकि, राज्य में अधिकतर विश्वविद्यालयों में रिसर्च के तौर-तरीके पढ़ाने के संसाधन नहीं हैं। ऐसे में पहले इन संसाधनों की पूर्ति की जाएगी। उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।