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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 10 Mar 2024 07:21:01 PM IST
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PATNA: बिहार के शिक्षा विभाग का हाल देखिये. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने अपनी बैठक में नहीं आने वाले कुलपतियों के खिलाफ एफआईआर कराने के लिए थाने में आवेदन दिलवा दिया है. लेकिन, आज शिक्षा विभाग के मंत्री बोले-कहां हुआ है एफआईआर. कोई मुकदमा नहीं हुआ है.
बता दें कि पिछले सप्ताह ही बिहार के कई जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने यूनिवर्सिटी के वीसी, रजिस्ट्रार औऱ परीक्षा नियंत्रकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया था. दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विवि, संस्कृत विवि, मुजफ्फरपुर के बीआरए बिहार विवि, भागलपुर के टीएमबीयू, मधेपुरा के बीएनएमयू और पूर्णिया के पूर्णिया विवि के कुलपतियों, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों के खिलाफ उन जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों ने संबंधित थानों में एफआइआर के लिए आवेदन दिया है. इन जिलों के पुलिस पदाधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि की है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कुलपतियों, रजिस्ट्रार औऱ परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेवन दिया है.
पाठक से डर रहे हैं मंत्री या विभाग की जानकारी नहीं
लेकिन शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कुलपतियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की बात को सिरे से खारिज कर दिया. सवाल ये उठ रहा है कि मंत्री को विभाग की जानकारी नहीं है या वे भी अपने अपर मुख्य सचिव केके पाठक से डर रहे हैं. केके पाठक के आदेश पर ही डीईओ ने थानों में आवेदन देकर कहा है कि वे शिक्षा विभाग की ओर से नामित व्यक्तियों के खिलाफ बिहार विद्यालय परीक्षा संचालन अधिनियम और भारतीय दंड संहिता 1860 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत शिकायत दर्ज करना चाहते हैं. आवेदन मे विवि के अधिकारियो पर परीक्षा कार्यों मे लापरवाही बरतने को लेकर कार्रवाई करने की बात कही गयी है. समीक्षा बैठक में उपस्थित नहीं होने, लंबित परीक्षाओं के संबंध मे पूरा प्रतिवेदन नहीं देने, आवश्यक सूचना नहीं देने, जानबूझकर लंबित परीक्षाओं से जुड़ी जानकारी देने से बचने और इंकार करने, परीक्षा सही समय पर नहीं कराने को लेकर कानूनी कार्रवाई प्रारंभ करने की बात कही गयी है.
विजय चौधरी ने विवाद से भी इंकार किया
बिहार के उच्च शिक्षा की हालत ये है कि केके पाठक लगातार कुलपतियों को तलब कर रहे हैं औऱ राज्यपाल उन्हें बैठक में जाने से मना कर रहे हैं. राज्यपाल यानि विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति से सलाह लेने वाले कुलपतियों को मूर्खता करार दिया गया था. राजभवन की ओर से सरकार को पत्र लिख कर केके पाठक की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जता चुका है.
लेकिन आज शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच विवाद की बात को सिरे से खारिज कर दिया. मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि राजभवन और शिक्षा विभाग दोनों ही शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरी के लिए अपना काम कर रहे हैं। उन्होंने दोनों के बीच किसी भी तरह के टकराव से इनकार किया. मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग की अगली बैठक में कुलपति शामिल होंगे.