बिहार के सरकारी अस्पताल का हाल देखिये, बेड पर मरीज का तांत्रिक करता है इलाज, डॉक्टर से उठा लोगों का विश्वास!

बिहार के सरकारी अस्पताल का हाल देखिये, बेड पर मरीज का तांत्रिक करता है इलाज, डॉक्टर से उठा लोगों का विश्वास!

MADHEPURA: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का दावा करते हैं। लेकिन मधेपुरा सदर अस्पताल की जो तस्वीर निकलकर सामने आई है उसे देखकर ऐसा लगता है कि जैसे मानो बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था से अब लोगों का विश्वास उठ चुका है। यही कारण है कि लोग अब अस्पताल में इलाज की जगह झाड़-फूंक करवा रहे हैं। अस्पताल की बेड पर तांत्रिक अपने तरीके से मरीज का इलाज कर रहे हैं। झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र से मरीज का इलाज करते तांत्रिक का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 


यह वीडियो मधेपुरा सदर अस्पताल का बताया जा रहा है। जहां दो नंबर बेड पर एक मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी जिसका इलाज अस्पताल के डॉक्टर कर रहे थे लेकिन जब मरीज की हालत में सुधार नहीं हुआ तब परिजन तांत्रिक को लेकर अस्पताल में पहुंच गये जहां अलग तरीके से मरीज का उपचार किया गया। मधेपुरा सदर अस्पताल के बेड पर देवन ठाकुर नामक बुजुर्ग इलाज कराने के लिए भर्ती हुआ था लेकिन तबीयत में सुधार नहीं होता देख परिजनों ने तांत्रिक को बुलाया। 


जिसके बाद तांत्रिक ने अस्पताल के बेड पर ही मरीज का झाड़-फूंक करना शुरू कर दिया। जब इस दौरान ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक जब पेसेंट की हालत जाने के लिए रोगी वार्ड पहुंचे तो देखा कि एक तांत्रिक मरीज का झाड़-फूंक कर रहा है। फिर क्या था चिकित्सक आग-बबूला हो गए और मरीज और उनके परिजनों की डांट-फटकार लगाई। यहां इलाज कराने आए हैं या फिर झाड़-फूंक करवाने। 


डॉक्टर ने कहा कि झाड़-फूंक करवाना है तो अस्पताल से बाहर कराइए यहां अस्पताल के बेड पर मरीज का झाड़-फूंक करना सही नहीं है। लेकिन इसके बावजूद भी परिजन डॉक्टर की बात मानने को तैयार नहीं हुए तब समझा-बुझाकर तांत्रिक को अस्पताल से बाहर निकाला गया। फिलहाल मरीज का इलाज मधेपुरा सदर अस्पताल में चल रहा है। इसे अंध विश्वास कहें या फिर अस्पताल की व्यवस्था की कमी। लेकिन इससे स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारी व्यवस्था ठीक नहीं रहने के कारण मरीज का इलाज सही रूप से नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण मरीज के परिजन झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र का सहारा ले रहे हैं।