बिहार के सरकारी स्कूलों का हाल देखिए: कलम की जगह थमा दिया कुदाल, मजदूरों की तरह काम करते दिखे छोटे बच्चे; एक्शन लेंगे केके पाठक?

बिहार के सरकारी स्कूलों का हाल देखिए: कलम की जगह थमा दिया कुदाल, मजदूरों की तरह काम करते दिखे छोटे बच्चे; एक्शन लेंगे केके पाठक?

JEHANABAD: शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक लाख कोशिश कर लें लेकिन बिहार में सरकारी स्कूलों और शिक्षा की बदहाली दूर नहीं होने वाली है। राज्य के अलग-अलग जिलों से लगातार ऐसी तस्वीरें सामने आती रही हैं, जो बिहार में शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी होती हैं। अब ताजा मामला जहानाबाद से सामने आया है जहां सरकारी स्कूल के छोटे छोटे बच्चों के हाथ में कलम और किताब की जगह कुदाल-झाड़ू थमा दिया गया और उनसे मजदूरों की तरह काम कराया गया। मामला मोदनगंज प्रखंड क्षेत्र स्थित मध्य विद्यालय वैना का है। 


दरअसल, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का दायित्व संभालने के बाद से ही केके पाठक बिहार में ध्वस्त हो चुकी शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगे हैं। इसके लिए वे लगातार सख्त फैसले भी ले रहे हैं लेकिन बिहार के शिक्षकों के ऊपर उनकी सख्ती का कोई असर होता नहीं दिख रहा है। जहानाबाद से जो तस्वीरें सामने आई हैं वह यही बयां कर रही है। मोदनगंज प्रखंड क्षेत्र स्थित मध्य विद्यालय वैना में बच्चों को पढ़ाई की जगह कुदाल चलवाया जा रहा है। बच्चों से मजदूरों की तरह काम कराने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है हालांकि फर्स्ट बिहार वायरल वीडियो के सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।


वायरल वीडियो और तस्वीरों में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कैसे स्कूल के शिक्षक की मौजूदगी में बच्चों से कुदाल चलवा कर मिट्टी का काम करवाया जा रहा है और झाड़ू से साफ सफाई के बाद सड़क किनारे पराली जलवाई जा रही है। जब पूरे मामले पर स्कूल के हेडमास्टर राकेश कुमार से जब बात की गई तो उन्होंने जो दलील दी वह भी हैरान करने वाली थी। उन्होंने कहा कि कुदाल चलवा कर बच्चों को बागवानी का कार्य सिखाया जा रहा है लेकिन जो वीडियो सामने आया है उसे देखकर यह जरूर समझा जा सकता है कि गुरुजी बच्चों से स्कूल में पढ़ाने की जगह मजदूरों जैसा काम ले रहे थे।