बिहार के 'सैनिकों के गांव' का बेटा हुआ शहीद, पिता दूसरे बेटे को भी देश सेवा में भेजने को तैयार

बिहार के 'सैनिकों के गांव' का बेटा हुआ शहीद, पिता दूसरे बेटे को भी देश सेवा में भेजने को तैयार

SAMASTIPUR : समस्तीपुर में 'सैनिकों के गांव' का बेटा शहीद हो गया है। मोहिउद्दीन नगर प्रखंड के 24 वर्षीय जांबाज अमन कुमार सिंह लद्दाख के गलवान घाटी में भारत चीन के बीच हुए हिंसक झड़प मे शहीद हो गए।मोहिउद्दीन नगर देश प्रेमी युवकों के गांव के तौर पर जाना जाता है। यहां के युवकों में देश सेवा की भावना इस कदर भरी हुई है कि 55 से 60 प्रतिशत यहां के युवक डिफेंस में नौकरी करते है।अमन के गांव के 40 फीसदी युवा सेना में शामिल हैं। 

जिले के मोहिउदीन नगर के सुल्तानपुर गांव में अब तक चूल्हा नहीं जला है। घर का बेटा देश की रक्षा में शहीद हो गया है। सुधीर सिंह का लाल भारत-चीन सीमा पर दुशमन की सेना से बहादुरी के साथ भिड़ गया। दुशमनों को देश की ताकत का अहसास करा कर सुल्तानपुर गांव के बेटा लंबी यात्रा पर चला गया लेकिन सीमा पर देश की शान कहीं से कम नहीं होने दी।  'कर चले हम फिदा जानों तन साथियों अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों' का संदेश देकर अमन ने आखिरी सांस ली।

अमन ने 2014 में इंडियन आर्मी जॉइन की थी। फरवरी 2019 में उनकी शादी हुई थी। इस साल फरवरी में लेह-लद्दाख क्षेत्र में उनकी तैनाती हुई थी। उनके पिता ने बताया कि अमन लेह-लद्दाख में नई पोस्टिंग लेने से पहले आठ दिनों के लिए घर आया था। पिता सुधीर कुमार सिंह कहते हैं मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने अपना जीवन ड्यूटी करते हुए न्योछावर कर दिया। सीमा पर शहीद हुए हर एक सैनिक के बदले 18 सिर चाहता हूं। मैं अपने छोटे बेटे को भी मातृभूमि की सेवा के लिए सेना में भेजने को तैयार हूं।

अमन की पिछले साल ही धूमधाम से शादी हुई थी। अमन के चार भाई बहन हैं। बहन की पुलिस में नौकरी लगी है, अभी पटना में कॉन्स्टेबल हैं। वहीं बड़े भाई एक प्राइवेट फर्म में दिल्ली में काम करते हैं। छोटा भाई पिता के साथ गांव में रहता है।

बता दें कि लद्दाख के गलवान घाटी में LAC पर चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 बहादुर जवान शहीद हो गए। भारतीय जांबाजों ने भी बॉर्डर पर डटकर सामना करते हुए कई चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन के 43 सैनिक मारे गए हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा। देश की संप्रभुता सर्वोच्च है। देश की सुरक्षा करने से हमे कोई रोक नहीं सकता। इस बारे में किसी को भी जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिये।