बिहार के नए राज्यपाल आज लेंगे शपथ, लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र ने दी है बड़ी जिम्मेदारी

बिहार के नए राज्यपाल आज लेंगे शपथ, लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र ने दी है बड़ी जिम्मेदारी

PATNA : मोदी सरकार का यह आखिरी साल है अगले साल देश में लोकसभा चुनाव है। इसको लेकर सभी राजनीतिक दलों द्वारा अपनी तैयारियां शुरू कर दी गई है। इससे पहले केंद्र सरकार द्वारा 13 राज्यों के राज्यपाल को बदल दिया गया है। इसके बाद अब आज इन 13 राज्यों के नए राज्यपाल में से बिहार के राज्यपाल का आज शपथ ग्रहण कार्यक्रम रखा गया है।


दरअसल, बिहार के नवनियुक्त राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर शुक्रवार यानी आज शपथ ग्रहण करेंगे। उन्हें हाल ही में बिहार का नया राज्यपाल बनाया गया है। इसके पहले वे हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे। राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर फागू चौहान का स्थान लेंगे। इस नए गवर्नर का शपथ ग्रहण समारोह सुबह 12.30 बजे शुरू होगी। 


वहीं, बिहार के नए गवर्नर अपने शपथ ग्रहण को लेकर आज सुबह 9.45 बजे दिल्ली से पटना पहुंचेंगे इसके बाद दोपहर में समारोह शुरू किया जाएगा। इस शपथ ग्रहण में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, विप के सभापति देवेश चन्द्र ठाकुर और विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी मौजूद रहेंगे। इससे पहले फागु चौहान ने बिहार के 40वें राज्यपाल के रूप में 29 जुलाई, 2019 को शपथ ली थी। अब उन्हें मेघालय का राज्यपाल बनाया गया है।


मालूम हो कि, आगामी साल यानी लोकसभा चुनाव होने वाला है। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा बिहार में अपनी ताकत को और मजबूत करना चाहती है। इसके साथ ही भाजपा बिहार में अपनी और धमक बढ़ाना चाहती है। इस लिहाजा भाजपा भाजपा हर छोटे बड़े फैसले काफी सोच समझ कर ले रही है। इसीलिए भाजपा एक ऐसे नेता को राज्यपाल चुना गया है जो इस तरह की परिस्थितियों से भलीभांति परिचित हैं।


वहीं बिहार के नए राज्यपाल ने यह कह दिया है कि उन्हें बिहार में किसकी सरकार है इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है उनका काम सरकार के कार्यों में सहयोग करना है।  इधर नए राज्यपाल की नियुक्ति पर राजनीतिक जानकारों की माने तो राजेंद्र विश्वनाथ विशेष रुप से उन परिस्थितियों के लिए जाने जाते हैं जहां भाजपा को लगता है कि अब वो राज्य में खुद की सरकार बनाने के लिए तैयार है और उसे थोड़ी बहुत सहयोग की जरूरत है। इसके साथ ही साथ इनके ऊपर मोदी और अमित शाह को इसलिए भी काफी भरोसा है कि क्यूंकि यह राज्य में किसकी सरकार है इस बात की फ़िक्र नहीं करते हैं और काफी आसानी से अपना निर्णय लेते हैं। 


आपको बताते चलें कि, राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर देश के पीएम मोदी के करीबियों में से एक हैं। इनके ऊपर मोदी कैबिनेट का काफी भरोसा है। इन्हें मुख्य रूप से उन परिस्थितियों का नेता माना जाता है जब भाजपा मझधार में फंसी होती है और उसे किसी के सहारे की जरूरत होती है। राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर शुरूआती दौर से ही यानी बालकाल से ही आरएसएस से जुड़े रहे हैं और कई बड़े दायित्व का निर्वहन किया है। इसके आलावा यह गोवा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं और 2012 में वे गोवा विधानसभा के अध्यक्ष बनाए गए और 3 साल तक इस पद पर रहे।