पूर्वोत्तर भारत की धरोहर है माता गुजरी यूनिवर्सिटी, यहां रोज 4000 मरीजों का फ्री में होता है इलाज

पूर्वोत्तर भारत की धरोहर है माता गुजरी यूनिवर्सिटी, यहां रोज 4000 मरीजों का फ्री में होता है इलाज

KISHANGANJ : बुधवार को बिहार के किशनगंज स्थित माता गुजरी यूनिवर्सिटी में अभिनदंन समारोह कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया. यूनिवर्सिटी के नूतन सभागार में बीएन मंडल यूनिवर्सिटी के कुलपति डा आरकेपी रमण, पूर्णियां यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर राज नाथ यादव के अभिनदंन को लेकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया.


अभिनदंन समारोह कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत माता गुजरी यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ सुदीप्त बोस, रजिस्ट्रार डॉ इच्छित भारत ने बुके देकर किया. इस दौरान एमजीएम मेडिकल कालेज के निदेशक डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों और एमजीएम मेडकिल कालेज के प्राचार्य से परिचय कराया.


समारोह को संबोधित करते वीएनएन मंडल के कुलपति डा रमण ने कहा कि माता गुजरी यूनिवर्सिटी किशनगंज ही नहीं बल्कि पूर्वोत्तर भारत का गौरव है. एमजीएम मेडिकल कालेज  स्वच्छता और इंफ्रास्टक्चर के मामले में सबसे बेस्ट है. इस यूनिवर्सिटी में रोज 4000 रोगियों का फ्री में इलाज किया जाता है. रोगियों से केवल रजिस्ट्रेशन फी लिया जाता है. इससे बड़ी बात और कोई हो नहीं सकता है. माता गुजरी मेमोरियल कालेज और लायंस सेवा केंद्र हॉस्पीटल सच्ची मानव सेवा में लगे है, इसकी जितनी प्रशंसा की जाय कम है.


कुलपति डा रमण ने कहा कि डा कलाम के आदर्शों को जीवन में अपनाएं. सफलता का एक ही सूत्र है, अपने कार्यो के प्रति समर्पण, यदि हम ईमानदारीपूर्वक अपना काम करें. तो हमें किसी के आगे भी झुकना नहीं पड़ता है. कुलपति ने कहा कि कलाम का संदेश है कि सोते हुए रात्रि में सपना नहीं देखें, बल्कि जागते हुए सपना देखें. कभी भी एक लक्ष्य की प्राप्ति के बाद रुकें नहीं, बल्कि हमेशा आगे बढ़ते रहें.


वहीं पूर्णिया यूनिवर्सिटी के कुलपति राजनाथ यादव ने कहा कि मैंने कई यूनिवर्सिटी का भ्रमण किया है. लेकिन माता गुजरी यूनिवर्सिटी जैसा सुज्जित और स्वच्छ परिसर नहीं देखा. यहां की प्रत्येक फैकल्टी सुसज्जित है. यह सुसज्जित यूनिवर्सिटी के निदेशक डा दिलीप कुमार जायसवाल के त्याग, तपस्या और साधना का प्रतीक है. यह कोसी-सीमांचल ही नहीं बल्कि पूर्वोत्तर है, इस धरोहर को भारत का धरोहर सजाना-संवारना यहां के छात्र-छात्राओं के अलावे कालेज के कर्मियों की जिम्मेदारी है.