बिहार: गरीब घर के बेटे ने IAS बनकर बाप का सपना किया पूरा, गली-गली घूम-घूमकर कपड़ा बेचते थे पिता

बिहार: गरीब घर के बेटे ने IAS बनकर बाप का सपना किया पूरा, गली-गली घूम-घूमकर कपड़ा बेचते थे पिता

PATNA : यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2020 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया गया है. इस बार बिहार के कटिहार जिला के रहने वाले शुभम कुमार ने यूपीएससी की परीक्षा में टॉप किया है. शुभम के अलावा बिहार के जमुई जिले के रहने वाले प्रवीण कुमार को सातवां स्थान मिला है. जबकि किशनगंज के रहने वाले अनिल बोसाक ने 45वीं रैंक हासिल की है.


किशनगंज निवासी अनिल बोसाक काफ गरीब परिवार से आते हैं. इन्होंने इससे पहले भी यूपीएससी की परीक्षा दी थी लेकिन 616वां रैंक आने के कारण इन्होने फिर से परीक्षा में शामिल होने का ठाना और आज इनकी दूसरी ही सफलता में 45वीं रैंक मिली. अनिल का चयन वर्ष 2014 में आईआईटी दिल्ली में सिविल इंजीनियरिंग के लिए हुआ था. अनिल ने 8वीं तक की पढ़ाई किशनगंज शहर के ओरियेंटल पब्लिक स्कूल से, वर्ष 2011 में अररिया पब्लिक स्कूल से मैट्रिक, 12वीं बाल मंदिर सीनियर सेकेंड्री स्कूल किशनगंज से पूरी की.


अनिल बोसाक काफी गरीब परिवार से आते हैं. अनिल का पूरा परिवार किशनगंज के नेपालगढ़ कॉलोनी में रहता है. अनिल बोसाक के पिता संजय बोसाक गली-गली घूम-घूमकर कपड़ा बेचते थे. आर्थिक स्थति ठीक नहीं के बावजूद उन्होंने बेटे को पढ़ाया. और आज बेटे ने वो कर दिखाया, जिससे संजय बोसाक का सीना चौड़ा हो गया. अनिल चार भाइयों में दूसरे नंबर पर हैं.


गौरतलब हो कि इस बार सिविल सर्विसेज परीक्षा 2020 में कुल 761 उम्मीदवार पास हुए जिनमें 545 पुरुष और 216 महिलाएं शामिल हैं. बिहार के रहने वाले शुभम कुमार ने यूपीएससी में टॉप किया है. मूल रूप से बिहार के कटिहार के रहने वाले मेघावी शुभम कुमार ने आईआईटी बाॅम्बे से सिविल इंजिनीयरिंग में ग्रेजुएशन किया है.  शुभम ने एंथ्रोपोलॉजी वैकल्पिक विषय से परीक्षा दी थी. बीटेक की डिग्री हासिल करने के बाद यूपीएससी की परीक्षा दी थी.


टाॅप 25 उम्मीदवारों में 13 पुरुष और 12 महिलाएं शामिल हैं. इस बार के कामयाब उम्मीदवारों में 25 दिव्यांग श्रेणी के भी उम्मीदवार हैं. महिला अभ्यर्थियों में जागृति अवस्थी टॉपर हैं, जबकि ओवरऑल में इन्हें सेकंड रैंक प्राप्त हुई है. उन्होंने वैकल्पिक विषय के रूप में समाजशास्त्र को चुना था. जागृति ने एमएएनआईटी भोपाल से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में बीटे की डिग्री हासिल की थी.


आपको बता दें कि सिविल सर्विसेज परीक्षाओं का आयोजन प्रति वर्ष यूपीएससी तीन चरणों में करता है जिनमें प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार शामिल हैं. इन परीक्षाओं के माध्यम से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सहित कई अन्य सेवाओं के लिए उम्मीदवारों का चयन होता है.


सिविल सर्विसेज प्रारंभिक परीक्षा, 2020 का आयोजन पिछले साल चार अक्टूबर को हुआ था. बयान में बताया गया कि 10,40,060 उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए आवेदन दिया था जिनमें से 4,82,770 परीक्षा में बैठे. मुख्य परीक्षा के लिए 10,564 उम्मीदवार उत्तीर्ण हुए जिसका आयोजन जनवरी 2021 में हुआ. बयान में बताया गया कि इनमें से 2053 उम्मीदवार साक्षात्कार के लिए चुने गए.


761 उम्मीदवारों में से 25 व्यक्ति दिव्यांग हैं. सफल उम्मीदवारों में से 263 सामान्य श्रेणी के, 86 आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के, 220 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के, 122 अनुसूचित जाति (एससी) से और 61 अनुसूचित जनजाति से हैं.