DESK: बिहारी मूल के एक कारोबारी ने सरकार को इतने पैसे टैक्स में दिये हैं, जितना नीतीश सरकार का बजट नहीं है. उनकी कंपनी ने सरकार को 3 लाख 39 हजार करोड़ रूपया टैक्स में दे दिया है. बता दें कि बिहार सरकार का इस साल का कुल बजट 2 लाख 61 हजार करोड़ का है. यानि बिहार के व्यापारी की कंपनी ने बिहार सरकार के बजट से सवा गुणा ज्यादा पैसा टैक्स भरा है.
अनिल अग्रवाल की कंपनी ने भरा टैक्स
सरकार को 3 लाख 39 हजार करोड़ का टैक्स मशहूर उद्योगपति अनिल अग्रवाल की कंपनी ने भरा है. खुद को गर्व से बिहारी कहने वाले अनिल अग्रवाल मेटल किंग के नाम से जाने जाते हैं. अनिल अग्रवाल ने आज सोशल मीडिया पर खुद ये जानकारी दी कि उनकी कंपनी ने कितना टैक्स भरा है. उन्होंने कहा कि टैक्स के पैसे से ही राष्ट्र निर्माण होता है, इसमें भागीदार बन कर बहुत तसल्ली मिली है.
मैं बिहार का लड़का
अनिल अग्रवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X लंबा पोस्ट लिखा है. उन्होंने लिखा है-मैं बिहार का लड़का जब पहली बार मुंबई पहुंचा था तो मेरे पास एक छोटा सूटकेस था और कुछ चंद सपने. मैं अपने और अपने परिवार के लिए कुछ हासिल करने के लिए कृतसंकल्प था. लेकिन मैंने कभी सोचा नहीं था कि एक दिन मैं, एक बहुत ही साधारण आदमी राष्ट्र निर्माण से भी जुड़ सकता हूं.
अनिल अग्रवाल ने अपने पोस्ट में लिखा है- हाल ही में, मेरी टीम ने मुझे बताया कि मेरी कंपनी वेदांता ने पिछले 8 साल में टैक्स के रूप में 3 लाख 39 हजार करोड़ रूपये का भुगतान किया है. ये देश में किसी भी कंपनी द्वारा दिया गया सबसे ज्यादा टैक्स है. मुझे तसल्ली मिलती है कि ये पैसा स्कूल, हॉस्पीटल, रोड और इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के काम आयेगा. ये बताता है कि जो मैं करता हूं, वह अपने या अपने परिवार से कहीं ज्यादा बड़े मकसद से करता हूं. हम उद्यमी जो संपत्ति बनाते हैं वह समाज के उत्थान के लिए है. हमारे सारे युवा में भी ये ताकत है. आप में कई ऐसा कर सकते हैं. आपका उद्यम और एनर्जी भारत को एक विकसित देश बना सकता है.
75 प्रतिशत संपत्ति दान करेंगे
अनिल अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने प्रण किया है कि अपनी निजी संपत्ति का 75 प्रतिशत दान करेंगे. अमेरिकी उद्योगपति बिल गेट्स और दलाई लामा से प्रभावित होकर उन्होंने अपनी निजी संपत्ति का 75 प्रतिशत दान करने का एलान कर रखा है. वे इस पैसे को समाज सेवा में लगायेंगे. बता दें कि अनिल अग्रवाल की निजी संपत्ति 2 अरब डॉलर से ज्यादा है. भारतीय रूपये में बात करें तो अनिल अग्रवाल के पास करीब 17 हजार करोड़ रूपये की निजी संपत्ति है. वे इसमें से 75 प्रतिशत पैसा समाजसेवा में लगाने का एलान कर चुके हैं.
बिहार से मुंबई और फिर लंदन
दुनिया में मेटल किंग के नाम से मशहूर अनिल अग्रवाल का जन्म बिहार की राजधानी पटना में एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था. उनके पिता पटना में स्क्रैप का कारोबार करते थे. 1954 में पटना में जन्म लेने वाले अनिल अग्रवाल ने यहीं सरकारी स्कूल में पढ़ाई की थी. स्कूल की पढ़ाई के बाद वे अपने पिता के काम में हाथ बंटाने लगे. कारोबार बढ़ाने के लिए वे 1970 में मुंबई गये, जहां मेटल स्क्रैप का काम शुरू किया. 1976 में उन्होंने शमसेर स्टर्लिंग कंपनी को खरीद लिया. अगले 10 सालों में उन्होंने स्टरलाइट इंडस्ट्रीज को खड़ा कर दिया.
बाद में वे माइनिंग के कारोबार में घुसे और दो बड़ी सरकारी कंपनियों के ज्यादातर शेयर खरीद लिये. उन्होंने हिन्दुस्तान जिंक और बाल्को के 50 परसेंट से ज्यादा शेयर खरीद कर उन्हें अपने अधीन कर लिया. 2003 में उन्होंने लंदन में वेदांता रिसोर्जेज नाम की कंपनी बनायी जो उनकी सारी कंपनियों का संचालन करती है. अनिल अग्रवाल की कंपनियां मेटल के साथ साथ गैस, कच्चा तेल, बिजली के क्षेत्र में भी काम करती है. इन दिनों वे अपनी नयी इंडस्ट्री को लेकर खासे चर्चा में हैं. ताइवान की एक कंपनी के साथ मिलकर उन्होंने गुजरात में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले प्लांट लगा रहे हैं. ये करीब पौने दो लाख करोड़ रूपये का प्रोजेक्ट है.