SIWAN: बिहार में सबसे बड़ी समस्या महंगाई और बेरोजगारी है। बिहार में बेरोजगारी का आलम ऐसा है कि परिवार को छोड़कर लोग कमाने के लिए दूसरे प्रदेशों में लगातार जा रहे हैं। मजबुरी भी है कि बिहार में उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। बिहार से 5 लाख से ज्यादा लोग सूरत में मजदूरी कर रहे हैं जिसकी चिंता केंद्र की मोदी सरकार को नहीं है। यदि चिंता रहती तो बिहार में भी फैक्ट्रियां सूरत की तरह खुलती। उक्त बातें चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सीवान में कही।
जनसुराज पदयात्रा के दौरान सिवान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि लोग मोदी जी को हमेशा वोट देने चले जाते हैं, पर उन्होंने आज तक बिहार के लिए एक बैठक तक नहीं की है। गुजरात के शहर सूरत में 5 लाख से ज्यादा बिहार के लड़के मजदूरी कर रहे हैं। यह बात सोचने वाली है कि मोदी जी अगर सूरत में इतनी फैक्ट्री लगवा सकते हैं तो बिहार की जनता ने कौन सा पाप किया है जो बिहार में 2-4 फैक्ट्री भी नहीं लगवा सकते।
उन्होनें कहा कि वो फैक्ट्री इसलिए नहीं लगवाते हैं क्योंकि मोदी जी को भी पता है बिहार की जनता को फैक्ट्री नहीं चाहिए, यहां की जनता बल्कि जाति-धर्म के नशे में ही गुजारा करना चाहती है। अगर आप बार-बार हिन्दू - मुसलमान, पुलवामा-पाकिस्तान के नाम पर वोट देंगे तो इस बात के लिए तैयार रहिए की आपका बेटा सूरत में जाकर फैक्ट्री का मालिक नहीं बनेगा, उसे भेड़-बकरी की तरह बस में जा कर मजदूर ही बनना पड़ेगा। यही बात समझाने के लिए पदयात्रा कर रहे हैं कि अपना नहीं अपने बच्चों के बारे में सोच कर सुधर जाइए।