PATNA : बिहार में कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए अब अभियान चलाया जायेगा। बेटियों को जन्म से कुपोषण और शिक्षा से जोड़ने के लिए राज्य के 17 जिलों में विशेष अभियान चलेगा। इसके लिए इन जिलों के डीएम को राशि आवंटित कर दी गई है। महिला एवं बाल विकास निगम योजना की मॉनिटरिंग करेगा। निगम अस्पताल से लेकर गांव स्तर तक लिंगानुपात सुधारने, कन्या भ्रूण हत्या, स्कूलों से ड्रॉप आउट रोकने, बाल विवाह खत्म करने और बेटियों के साथ सामाजिक भेदभाव खत्म करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत पूर्वी चम्पारण, मुजफ्फरपुर, जमुई खगड़िया, लखीसराय, बेगूसराय, शेखपुरा, भोजपुर, पटना, रोहतास, नालंदा, मधुबनी, समस्तीपुर, नवादा, भागलपुर, बांका और छपरा में विशेष अभियान चलाया जायेगा। महिला एवं बाल विकास निगम की ओर से जल्द ही इन जिलों को कार्ययोजना बनाकर दी जाएगी। मार्च से बेटियों को मां के गर्भ में बचाने का अभियान चलेगा। जिन अस्पतालों में कन्या भ्रूण हत्या की सूचना मिलेगी। वहां पर कमेटी गठित कर कार्रवाई की जाएगी।
बेटियों से ही हैं हम.. चलेगा अभियान
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का अभियान चलेगा। जन्म से पांच साल तक बेटियों के पोषण से लेकर सामाजिक अनदेखी पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। क्योंकि बेटियां पारिवारिक अनदेखी की वजह से जन्म लेने के बाद मर जाती हैं। जबकि नवजात बच्ची के जिन्दा की संभावना बेटों से अधिक होती है।
अब भी बेटियों को पराया समझा जाता है और बेटों को घर का चिराग। इससे समाज में बेटियों के साथ भेदभाव होता है। इसका असर बेटियों की शिक्षा से लेकर समाज में कम तरजीह दी जाती है। बता दें कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 2019-20 के अनुसार राज्य में एक हजार बेटों पर 908 बेटियां हैं। सर्वे में 21 जिलों में लिंगानुपात में कमी दर्ज की गई है।