Bihar News: मंत्री संजय सरावगी ने मुजफ्फरपुर में की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश Bihar News: मंत्री संजय सरावगी ने मुजफ्फरपुर में की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश Bengaluru Stampede: विराट कोहली के खिलाफ थाने में शिकायत, बेंगलुरू हादसे को लेकर FIR दर्ज करने की मांग Bengaluru Stampede: विराट कोहली के खिलाफ थाने में शिकायत, बेंगलुरू हादसे को लेकर FIR दर्ज करने की मांग Buxar News: अजय सिंह के नेतृत्व में भारत प्लस इथेनॉल प्लांट की बड़ी उपलब्धि, सफलतापूर्वक विकसित किया CO2 स्टोरेज सिस्टम Buxar News: अजय सिंह के नेतृत्व में भारत प्लस इथेनॉल प्लांट की बड़ी उपलब्धि, सफलतापूर्वक विकसित किया CO2 स्टोरेज सिस्टम Bihar News: बिहार में सबसे सस्ता गोल्ड रेट और मेकिंग चार्ज लेकर आया श्री हरी ज्वेलर्स, मौका कहीं छूट न जाए Bihar News: बिहार में सबसे सस्ता गोल्ड रेट और मेकिंग चार्ज लेकर आया श्री हरी ज्वेलर्स, मौका कहीं छूट न जाए Patna News: पटना में यहां मिल रहा खादी के कपड़ों पर आकर्षक डिस्काउंट, खरीदने के लिए उमड़ रही भारी भीड़ Patna News: पटना में यहां मिल रहा खादी के कपड़ों पर आकर्षक डिस्काउंट, खरीदने के लिए उमड़ रही भारी भीड़
1st Bihar Published by: Updated Sun, 09 May 2021 06:24:56 AM IST
- फ़ोटो
SUPAUL : कोरोना से जब पूरा देश त्राहिमाम कर रहा है तब बिहार के एक गांव के लोगों ने मिसाल कायम कर दी है. इस गांव में अब तक एक भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित नहीं हुआ है. और इसका सारा योगदान ग्रामीणों को ही जाता है. ग्रामीणों ने खुद ही गांव में लॉकडाउन लगा दिया है. शादी-ब्याह से लेकर मुंडन तक बंद है. बाहरी व्यक्ति के एंट्री पर रोक है. युवाओं की टोली गांव को कोरोना से बचाने के लिए 24 घंटे निगरानी कर रही है.
अब तक कोरोना की एंट्री नहीं
ये गांव है सुपौल के पिपरा प्रखंड का कटैया रही गांव. कोरोना की दूसरी लहर कहर बन कर बरस रही है लेकिन इस गांव में अब तक कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ. कोरोना की पहली लहर के दौरान ही इस गांव के लोगों ने खुद को बचाने के लिए स्वयं नियम कायदे बनाये थे. उसका लगातार पालन हो रहा है. लिहाजा पहली लहर से लेकर दूसरी लहर तक एक भी आदमी संक्रमित नहीं हुआ.
गांव के लोगों की जागरूकता देखकर प्रशासन भी हैरान है. जिला प्रशासन ने एक सप्ताह पहले इस गांव में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र में जांच कैंप लगाकर लोगों की कोरोना टेस्टिंग की. लगभग 150 लोगों ने सैंपल दिया. एक भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव नहीं निकला. उसके बाद चिकित्सा विभाग के पदाधिकारी भी इस गांव के लोगों के मुरीद हो गये.
ग्रामीणों का सख्त लॉकडाउन, सारे सार्वजनिक कार्यक्रम पर रोक
एक हजार से ज्यादा की आबादी वाले इस गांव में ग्रामीणों ने आपस में बैठकर सख्त लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया. गांव के सभी लोगों को ये समझाया गया कि इस समय शादी-ब्याह से लेकर मुंडन औऱ उपनयन जैसा कोई आय़ोजन करना खतरनाक है. लिहाजा सभी लोगों ने अपने घऱ के समारोह टाल दिये. अगर कोई ऐसा कार्यक्रम करना जरूरी है जिसे टाला नहीं जा सकता तो उसमें गांव से बाहर के लोगों को नहीं बुलाया जाता. गांव के लोगों को ही कोरोना गाइडलाइंस के तहत शामिल होने की मंजूरी है.
बिना जांच एंट्री नहीं
गांव की आबादी लगभग एक हजार है. रोजी रोटी के लिए कई लोग दूसरे राज्य में गये हैं. लेकिन अगर कोई गांव से बाहर है तो उसे मास्क से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग जैसी सावधानी पर हर हाल में अमल करने की नसीहत देकर भेजा जाता है. बाहर से गांव लौटने वाले हर व्यक्ति को गांव में प्रवेश की अनुमति तभी मिलती है जब वह कोरोना टेस्ट करा ले. कोरोना टेस्ट निगेटिव होने की रिपोर्ट लेकर आने वाले को ही गांव में घुसने की इजाजत है.
24 घंटे होती है निगरानी
गांव में लगाये गये स्वतः लॉकडाउन का सही तरीके से पालन हो इसे सुनिश्चित कराने का जिम्मा गांव के युवकों ने लिया है. युवकों ने टोली बनायी है जो 24 घंटे गांव की निगरानी करती है. युवकों की टोली गांव के लोगों को कोरोना को लेकर जागरूक करती है. अगर किसी के पास मास्क के पैसे नहीं हैं तो उसे मास्क दिया जाता है. ग्रामीण अपने खर्च पर समय समय पर गांव को सेनेटाइज भी कर रहे हैं. नतीजा ये है कि गांव अब तक कोरोना से पूरी तरह महफूज है.