बिहार का यह सरकारी मनहूस बंगला, जो भी मंत्री रहा किसी का कार्यकाल नहीं हुआ पूरा, पढ़े इनसाइड स्टोरी

बिहार का यह सरकारी मनहूस बंगला, जो भी मंत्री रहा किसी का कार्यकाल नहीं हुआ पूरा, पढ़े इनसाइड स्टोरी

PATNA : भूत बंगले के बारे में तो आप ने सुना ही होगा लेकिन मनहूस बंगले के बारे में आपने बमुश्किल ही सुना होगा जो किसी भी मंत्री को वहां उनका कार्यकाल पूरा करने नहीं देता. जी हां, पटना राजधानी का एक सरकारी बंगला ऐसा ही है. इस बंगला में रहने वाले मंत्री का उनका कार्यकाल पूरा होने तक टिकने ही नहीं देता.  vip के विधायकों ने अपना पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो गए है. एसे में अब सवाल उठता है कि क्या मंत्री मुकेश सहनी को मंत्रिमंडल से बाहर होना होगा. मुकेश सहनी भी उसी बंगले में रहते थे जिस में पिछले 12 साल से रहने वाले मंत्री अब तक अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए है.


आपको बता दें बिहार सरकार के बंगला नंबर 6 का पिछले कुछ सालों के आंकड़ों को देखें तो इसमें रहने वाले अब तक तीन मंत्रियों को उनका कार्यकाल पूरा किए बिना ही बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इस वजह से लोग अब इस बंगले को 'मनहूस' बंगला कहने लगे हैं. इसमें गौर करने वाली एक और बात है कि जो तीनों मंत्री इस बंगले में रहते अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके, वो सभी कुशवाहा जाति से संबंध रखते हैं. 


साल 2010 में सबसे पहले इसमें जदयू नेता और तत्कालीन उत्पाद विभाग के मंत्री अवधेश कुशवाहा रहने आए थे. उन्हें मंत्री के तौर पर यह बंगला आवंटित किया गया था. लेकिन अपना कार्यकाल पूरा करने से दो महीने पहले ही अक्टूबर 2015 में वो घूस लेने के मामले में फंस गए और उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. बाद में उन्हें बंगला भी खाली करना पड़ा. 

इसके बाद साल 2015 में राजद नेता और तत्कालीन सहकारिता मंत्री आलोक मेहता को यह बंगला आवंटित किया गया. लेकिन सिर्फ 18 महीनों में ही गठबंधन में दरार पड़ गई और आलोक मेहता न तो अपना कार्यकाल पूरा कर पाए और बंगला को खाली करना पड़ा. वहीं फिर मंजू वर्मा के साथ भी यही हुआ. मुजफ्फरपुर कांड ने उन्हें इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया और उन्हें इस बंगला को खाली करेंगी. अब देखना होगा क्या मंत्री सहनी के साथ भी यही होता है.