JAMUI: जमुई के मलयपुर पुलिस ने अमन हत्याकांड की गुत्थी को सुलझा लिया है। पुलिस ने हत्या के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी ने गांव के एक युवक के साथ मिलकर अपने ही जीजा अमन को मौत के घाट उतार दिया था हालांकि इस घटना में और भी लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है। पुलिस ने हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त मो. रियाज मियां उर्फ मो. आशिक खलीफा और मृतक की पूर्व पत्नी के भाई रामप्रवेश कुमार उर्फ सुरज राम को नगर थाना क्षेत्र के सतगामा इलाके से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
पूरे मामले की जानकारी देते हुए एसडीपीओ सतीश सुमन ने बताया कि अमन की हत्या प्रतिशोध लेने के लिए की गई थी। डेढ़ साल पहले मुख्य आरोपी की बहन ने जमुई के युवक से प्रेम विवाह कर लिया था। यह रिश्ता समाज के नजरों मे महज छह महीने तक चला। लड़की के परिजनों ने इस दौरान लड़की की शादी कही और कर दी। इधर मृतक अमन शादी के बाद भी लड़की से मिल रहा था। गिरफ्तार आरोपी रामप्रवेश मृतक का साला ने पुलिस को बताया कि डेढ़ वर्ष पूर्व अमन उसकी बहन से शादी कर लिया। इस शादी को अमन के घरवाले स्वीकार नहीं कर रहे थे।
विवश होकर उसकी बहन की दूसरी शादी कर दी गई। इसके बावजूद अमन उसकी बहन को छोड़ नहीं रहा था। शादी के बाद जब भी उसकी बहन अपने घर सतगामा आती अमन उससे मिलने पहुंच जाता था, जो परिजनों को पसंद नही था। इसी बीच के मकर संक्रांति से पहले अमन का एक्सीडेंट हो गया। मामले को सुलझाने की बात कहकर रियाज ने एक लाख रुपए की मांग की। अमन के परिजनों द्वारा सात-आठ हजार रुपए रियाज को देकर मामला सुलझा लेने की बात कही गई लेकिन इतने कम पैसे से रियाज खुश नहीं था। तभी रामप्रवेश और रियाज की मुलाकात हुई, दोनों ने अमन से बदला लेना था।
दोनों ने प्लानिंग के तहत बीते 4 फरवरी को अमन को बहला फुसलाकर अपने साथ ले गए। पुलिस ने लावारिस स्थिति में पतनेश्वर चौक से अमन के टोटो को बरामद किया था। अमन के लापता होने की सूचना उसके भाई सुमन ने 5 फरवरी को मलयपुर थाना में आवेदन देकर भाई को बरामद करने की गुहार लगाई थी। 6 फरवरी को खैरमा स्थित निमिया घाट से सिरकटा शव बरामद किया गया था। जिसकी पहचान अमन के भाई ने की थी। एसडीपीओ सतीश सुमन ने बताया कि घटना में शामिल अन्य अभियुक्तों को चिन्हित कर लिया गया है, जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।