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Bihar Education News: बिहार में शिक्षा-व्यवस्था को दुरूस्त करने को लेकर पानी की तरह पैसे बहाये जा रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा पर निकले हैं. वे जिलों में जाकर धरातल पर हुए विकास संबंधी योजनाओं की जानकारी ले रहे. लेकिन यह सब मैनेज है. वास्तविकता यही है कि सब कुछ कागज पर चल रहा, धरातल पर नहीं.
मोतिहारी में सीएम नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा खत्म हो गई. 25 दिसंबर को वे केसरिया ,सुगौली व मोतिहारी में करोड़ो की योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दिखाने के लिए केसरिया के सुन्दरापुर पंचायत व सुगौली के सुगांव पंचायत में कई योजनाओ को चकाचक बनाया गया था.दूसरी तरफ केसरिया से सटे कोटवा पंचायत के एक विद्यालय का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल तस्वीर में शौचालय से सटे बरामदे में बच्चों के लिए एमडीएम का खाना बनाकर रखा गया है.
सोशल मीडिया पर इस तस्वीर की चर्चा हो रही है. कहा जा रहा है कि स्कूल में वर्षो से बच्चो के स्वाथ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. लेकिन न कभी अधिकारी की नजर पड़ती है, और न जनप्रतिनिधियों की. वायरल फोटो देखने के बाद विकास का दावों की सच्चाई का पचा चल रहा. लोग यह कहते नही थक रहे कि वाह रे विकास. वायरल फोटो उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोपी छपरा कोटवा का बताया जा रहा है। फोटो में बताया जा रहा है कि कोटवा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोपी छपरा में शौचालय के पास एमडीएम का खाना बनाकर बच्चो को परोसा जा रहा. इस विद्यालय में बना किचेन शेड कबाड़ खाना बना हुआ है.
सरकार द्वारा स्कूल के बच्चों के शुद्ध पेयजल के लिए स्कूल में लगे बोरिंग जेई व संवेदक के भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गया. बोरिंग लगने के साथ ही नल से जल टपकना बंद हो गया।.वहीं मात्र चार कमरों में 8 क्लास तक के बच्चों की पढ़ाई होती है। स्कूल रंग रोगन के लिए व विद्युत वायरिंग के लिए आई राशि भी भ्रष्टाचार की भेट चढ़कर रह गया । सरकार के बजट का 21 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा विभाग पर खर्च होता है। लेकिन कोटवा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोपी छपरा का शौचालय को किचेन शेड बनाकर एमडीएम का खाना रखने का फोटो सामने आने के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि शिक्षा बजट से शिक्षा का विकास नहीं बल्कि अधिकारियों-ठेकेदारों की ही प्रगति हो रही है.