PATNA : बिहार कांग्रेस ने पार्टी के कुल 19 विधायकों में से 16 विधायकों को हैदराबाद भेज दिया है। उन्हें हैदराबाद के बाहरी इलाके रंगारेड्डी जिले के एक रिसॉर्ट में रविवार को ले जाया गया। इनलोगों के 11 फरवरी तक वहां रहने की संभावना है। लेकिन, पार्टी के तीन विधायक सिद्धार्थ सौरव, आबिदुर रहमान और विजय शंकर दुबे नहीं गए हैं। ऐसे में सियासी गलियारों में लगातार यह सवाल भी उठ रहे थे कि ये विधायक क्यों नहीं गए हैं? जिसके बाद इस पर कांग्रेस के विधायक सिद्धार्थ सौरव ने इसकी वजह बताई है।
कांग्रेस के विधायक सिद्धार्थ सौरव ने कहा, "क्षेत्र में जो समस्याएं हैं उसका निराकरण करना सबसे प्राथमिक उद्देश्य मेरा रहता है। विधायकों को हैदराबाद ले जाया गया है अच्छा है। सबका टूर हो जाएगा, लेकिन अभी जो क्षेत्र में समस्या है उसका भी समाधान करना मेरी प्राथमिकता है। इसलिए विशेष रूप से हम यहीं पर हैं।
उन्होंने कहा कि हमसे भी जाने के लिए कहा गया था। लेकिन हमने भी जो कारण है उसे स्पष्ट बता दिया। रोज क्षेत्र में दर्जनों कार्यक्रम रहता है तो उसको छोड़ना अभी ठीक नहीं है। नहीं जाने का कोई और कारण नहीं है। किसी तरह का कोई संदेह नहीं है। हम कांग्रेस पार्टी के साथ मजबूती से हैं और रहेंगे। सिद्धार्थ सौरव ने कहा कि हैदराबाद में सरकार बनी है तो ले जाया गया है सबको घुमाने। भविष्य में हमलोग भी चले जाएंगे।
वहीं, बिहार में 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होना है। ऐसे में कांग्रेस विधायकों को शिफ्ट किया गया है क्या कुछ बड़ा संकेत नहीं है इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि - ऐसा थोड़ी है कि एनडीए के पास बहुमत नहीं है? उनके पास तो 128 विधायक मिलाकर हैं ही। जेडीयू महागठबंधन की ओर आए या एनडीए के साथ जाए, उसके जाने से पूर्ण बहुमत तो हो ही जाता है तो इससे क्या बहुत ज्यादा फर्क पड़ता है? मेरी समझ में नहीं आ रहा है।
आपको बता दें कि, कांग्रेस 'महागठबंधन' का दूसरा सबसे बड़ा घटक है, जिसने नीतीश के एनडीए में लौटने के बाद सत्ता खो दी है। हालांकि बाकी विधायकों के भी सोमवार को हैदराबाद पहुंचने की संभावना है। शनिवार को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने अपने बिहार के विधायकों को दिल्ली बुलाया था, जहां उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की थी. इसके बाद उन्हें चार्टर्ड विमान से हैदराबाद भेजा गया।