सुमो, नंदू, प्रेम BJP की सियासत से परमानेंटली आउट? पार्टी की बैठक में न्योता नहीं, भूपेंद्र-नित्यानंद ही अब सर्वेसर्वा

सुमो, नंदू, प्रेम BJP की सियासत से परमानेंटली आउट? पार्टी की बैठक में न्योता नहीं, भूपेंद्र-नित्यानंद ही अब सर्वेसर्वा

VAISHALI: तो सुशील मोदी ही नहीं बल्कि नंदकिशोर यादव और प्रेम कुमार जैसे नेता बिहार बीजेपी की सियासत से परमानेंटली आउट हो गये हैं. ये वो नेता हैं जिन्हें कुछ महीने पहले तक बिहार बीजेपी का दिग्गज कहा जाता था लेकिन अब पार्टी उन्हें बैठक में बुलाने लायक भी नहीं समझ रही है. सोमवार को बीजेपी ने विधानसभा चुनाव की समीक्षा के लिए बैठक बुलायी, तीनों नेताओं को पूछा तक नहीं गया.


वैशाली में बीजेपी का मंथन

सोमवार को वैशाली में बीजेपी के नेता विधानसभा चुनाव पर मंथन करने के लिए बैठे. बैठक में ये भी विचार किया जाना था कि बिहार में बीजेपी आगे कैसे पॉलिटिक्स करे. पार्टी की इस खास बैठक के लिए बिहार बीजपी के सर्वेसर्वा माने जा रहे भूपेंद्र यादव पहुंचे थे. बीजेपी सूत्रों की मानें तो नित्यानंद राय ने ये बैठक वैशाली में रखने का प्रस्ताव दिया था. बिहार बीजेपी के सुपर पॉवर माने जा रहे नित्यानंद राय के प्रस्ताव पर किसी ने आपत्ति नहीं जतायी. लिहाजा पटना से दूर बिहार बीजेपी के दिग्गज वैशाली में मंथन करने बैठे.


पुराने दिग्गज आउट

बीजेपी की इस अहम बैठक में कुछ महीने पहले तक बीजेपी के दिग्गज कहे जाने वाले नेता कहीं नजर नहीं आये. पार्टी विधानसभा चुनाव की समीक्षा कर रही थी, लेकिन चुनाव के समय डिप्टी सीएम रहे सुशील मोदी की राय जानने की जहमत नहीं उठायी. सुशील मोदी ही नहीं बल्कि चुनाव के समय तक पार्टी के दिग्गज नेताओं में शुमार किये जाने वाले नंदकिशोर यादव और प्रेम कुमार को भी बैठक में पूछा नहीं गया. पार्टी की इस बैठक में बिहार के प्रभारी भूपेंद्र यादव, उनेक खास नित्यानंद राय, दोनों डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के अलावा खास पदाधिकारी शामिल थे. हां, मंत्री मंगल पांडेय को जरूर बैठक में शामिल होने का मौका मिला था. 


नीतीश की नींद हराम करेगी बीजेपी

बीजेपी के एक वरीय नेता ने बताया कि वैशाली में खास तौर पर ये तय किया कि आगे कैसे राजनीति करनी है. उनके मुताबिक बीजेपी ये मान रही है कि नीतीश कुमार की कार्यप्रणाली से जनता में नाराजगी है. बीजेपी इस नाराजगी को अपने माथे लेने को तैयार नहीं है लिहाजा सरकार में आक्रामक रूख अख्तियार किया जायेगा. 2005 में पहली दफे सरकार बनने के बाद बीजेपी ने नीतीश कुमार को सरकार चलाने के लिए फ्री हैंड दिया. लेकिन अब सरकार के हर काम पर नजर रखी जायेगी. 


दोनों डिप्टी सीएम को खास निर्देश

जानकारों के मुताबिक बीजेपी की बैठक में दोनों डिप्टी सीएम को खास निर्देश दिये गये. पार्टी ने उनसे कहा है कि वे सरकार के हर फैसले पर नजर रखें. वे सिर्फ अपने विभागों के मंत्री बन कर नहीं रह जायें बल्कि नीतीश कुमार के हर फैसले पर नजर रखें. जहां भी उन्हें लगे कि फैसला सही हीं है वहां विरोध करें. बीजेपी के एक नेता ने बताया कि बिहार बीजेपी के प्रभारी भूपेंद्र यादव ने दोनों डिप्टी सीएम को अलग से समझाया कि उन्हें सरकार में कैसे काम करना है. 


नंदू और प्रेम नप गये हैं

गौरतलब है कि सोमवार को ही बिहार विधानसभा की कमेटियों का एलान हुआ है. इसमें बीजेपी के पुराने दिग्गज नेता नंदकिशोर यादव और प्रेम कुमार को कमेटियों का चेयरमैन बनाया गया है. नंदकिशोर प्राक्कलन कमेटी के तो प्रेम कुमार याचिका समिति के प्रमुख बने हैं. विधानसभा की समितियों के गठन से ही साफ हो गया है कि दोनों अब मंत्री बनने नहीं जा रहे हैं. बीजेपी के एक और दिग्गज विनोद नारायण झा को भी सदन की निवेदन समिति का सभापति बनाया गया है. उनके भी मंत्री बनने की संभावना समाप्त हो गयी है.