PATNA: बिहार विधानमंडल यानि विधानसभा और विधानपरिषद के शीतकालीन सत्र की तारीख का ऐलान कर दिया गया है. राज्य सरकार ने सिर्फ पांच दिनों के लिए शीतकालीन सत्र बुलाया है. इसमें पहले दिन सिर्फ शोक प्रकट करने की रस्म अदायगी होगी. बाकी के चार दिनों में सरकार अपने कामकाज निपटायेगी. वैसे अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव है और इसका माहौल अभी से ही बनने लगा है. लिहाजा शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं.
25 नवंबर से शीतकालीन सत्र
बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र को लेकर आज राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने अधिसूचना जारी की. इसमें कहा गया है कि विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर को दिन के 11 बजे से शुरू होगा. विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की समाप्ति 29 नवंबर को होगी.
सरकार वित्तीय कार्य निपटायेगी
शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य सरकार अपने वित्तीय कार्य को निपटायेगी. दरअसल, संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक सरकार को पैसे खर्च करने के लिए विधानमंडल से मंजूरी लेना जरूरी है. लिहाजा, इस सत्र में राज्य सरकार अनुपूरक बजट पेश करेगी. सरकारी सूत्रों के मुताबिक इसी दौरान कुछ नये विधेयक भी पारित कराये जायेंगे.
सत्र के हंगामेदार होने के आसार
बिहार में विधानसभा चुनाव में एक साल बाकी है. लेकिन राजनीति अभी से ही गर्माने लगी है. एनडीए अभी से चुनावी तैयारियों में जुट गया है. तेजस्वी यादव भी यात्रा कर हर जिले में जाकर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं. जाहिर है इस चुनावी माहौल का असर शीतकालीन सत्र पर भी पड़ेगा. लिहाजा हंगामे के पूरे आसार हैं.
वैसे, विधानसभा के सत्र के दौरान तेजस्वी यादव की भूमिका को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं. विधानमंडल के पिछले सत्र के दौरान तेजस्वी यादव गायब रहे. वे एक दिन भी सदन में नहीं पहुंचे. ऐसे में कई मुद्दे रहने के बावजूद आरजेडी और उसकी सहयोगी पार्टियां सरकार को सही तरीके से घेर नहीं पायी. देखना होगा कि तेजस्वी यादव इस दफे क्या रणनीति अपनाते हैं.