लोक आस्था का महापर्व छठ का तीसरा दिन, समाजसेवी अजय सिंह ने परिवार के साथ डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य बगहा में पुलिस की बड़ी कार्रवाई: धनहा और भितहा में अवैध हथियार बरामद, चार आरोपी गिरफ्तार लोक आस्था का महापर्व छठ: युवा चेतना के सुप्रीमो ने व्रतियों के बीच बांटी साड़ी और सूप, कहा-छठ सामाजिक न्याय का प्रतीक BIHAR NEWS: मोकामा में गंगा नदी फिर बनी मौत का कुंड : छठ पूजा का जल लेने गया किशोर डूबा, पिछले तीन साल में सौ से अधिक लोग गंवा चुके जान Election Commission : चुनाव आयोग आज SIR को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। देशभर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की घोषणा, अगले हफ्ते से प्रक्रिया शुरू होगी। Bihar News : गैस सिलेंडर लीक से लगी आग, छठ पूजा की तैयारी कर रही दो महिलाएं समेत तीन लोग झुलसे Bihar Election 2025 : तेजस्वी और राहुल से आगे निकले CM नीतीश कुमार, बढ़ सकती है महागठबंधन की टेंशन; आधी आबादी को लेकर तैयार हुआ ख़ास प्लान Bihar politics scandal : राजद नेता का बार डांसर संग अश्लील वीडियो वायरल, बोले– "सलमान खान भी डांस करते हैं, हमने कौन सा ग़लत किया" Bihar Politics : राहुल गांधी की बिहार से दूरी पर कांग्रेस में असमंजस, जानिए कांग्रेस बना रही कोई नई रणनीति या फिर सच में है नाराजगी का संकेत? Bihar Election 2025 : "मैं भी राजनीति छोड़ दूंगा...” बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह का बड़ा बयान,कहा - नहीं हुआ यह काम तो ....
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 16 Feb 2023 01:35:42 PM IST
- फ़ोटो
BANKA: बांका में मैट्रिक की परीक्षा दे रही एक छात्रा बच्चे को जन्म देने के कुछ ही घंटों के बाद परीक्षा देने के लिए एग्जामिनेशन सेंटर पर पहुंच गई। परीक्षा छूट न जाए और उसका एक साल बर्बाद न चला जाए इसको देखते हुए छात्रा ने यह कदम उठाया। छात्रा के इस फैसले को लेकर उसकी खूब सराहना हो रही है। पहले तो डॉक्टर ने उसे परीक्षा देने से मना किया लेकिन उसके परीक्षा के प्रति उत्साह को देख डॉक्टर ने उसे इजाजत दे दी। जिसके बाद छात्रा को एंम्बुलेंस से परीक्षा केंन्द्र लाया गया।
दरअसल, बांका में 22 वर्ष की छात्रा रुकमिणी कुमारी गर्भवती थी। प्रसव का समय नजदीक आने के बावजूद वह परीक्षा नहीं खोड़ना चाह रही थी। चांदन प्रखंड मुख्यालय के एमएम केजी उच्च विद्यालय में रूकमिणी परीक्षा दे रही थी। पहले दिन की परीक्षा को देने के बाद जब रूकमिणी घर गयी तो देर रात उसे प्रसव पीड़ा होने लगी, जिसके बाद परिवार वालों उसे अस्पताल ले गए। जहां अगले दिन रूकमिणी ने एक बेटे को जन्म दिया।
बेटे को जन्म देने के बाद जब रूकमिणी को होश आया तो वह परीक्षा के बारे में सोंचकर बेचैन हो गई। बेटे को जन्म देने की खुशी से ज्यादा उसे परीक्षा की चिंता सता रही थी। रूकमिणी लगातार जिद कर रही थी कि उसे परीक्षा देना है नहीं तो उसका एक साल बर्बाद हो जाएगा। डॉक्टर्स और परिजनों के काफी समझाने के बाद भी जब वह नहीं मानी तो रुकमिणी को डॉ. के देखरेख में एंबुलेंस से परीक्षा केंद्र ले जाया गया। परीक्षा को लेकर रूकमिणी के जज्बे को देख लोग उसकी खूब सराहना कर रहे हैं।