BANKA: बांका में मैट्रिक की परीक्षा दे रही एक छात्रा बच्चे को जन्म देने के कुछ ही घंटों के बाद परीक्षा देने के लिए एग्जामिनेशन सेंटर पर पहुंच गई। परीक्षा छूट न जाए और उसका एक साल बर्बाद न चला जाए इसको देखते हुए छात्रा ने यह कदम उठाया। छात्रा के इस फैसले को लेकर उसकी खूब सराहना हो रही है। पहले तो डॉक्टर ने उसे परीक्षा देने से मना किया लेकिन उसके परीक्षा के प्रति उत्साह को देख डॉक्टर ने उसे इजाजत दे दी। जिसके बाद छात्रा को एंम्बुलेंस से परीक्षा केंन्द्र लाया गया।
दरअसल, बांका में 22 वर्ष की छात्रा रुकमिणी कुमारी गर्भवती थी। प्रसव का समय नजदीक आने के बावजूद वह परीक्षा नहीं खोड़ना चाह रही थी। चांदन प्रखंड मुख्यालय के एमएम केजी उच्च विद्यालय में रूकमिणी परीक्षा दे रही थी। पहले दिन की परीक्षा को देने के बाद जब रूकमिणी घर गयी तो देर रात उसे प्रसव पीड़ा होने लगी, जिसके बाद परिवार वालों उसे अस्पताल ले गए। जहां अगले दिन रूकमिणी ने एक बेटे को जन्म दिया।
बेटे को जन्म देने के बाद जब रूकमिणी को होश आया तो वह परीक्षा के बारे में सोंचकर बेचैन हो गई। बेटे को जन्म देने की खुशी से ज्यादा उसे परीक्षा की चिंता सता रही थी। रूकमिणी लगातार जिद कर रही थी कि उसे परीक्षा देना है नहीं तो उसका एक साल बर्बाद हो जाएगा। डॉक्टर्स और परिजनों के काफी समझाने के बाद भी जब वह नहीं मानी तो रुकमिणी को डॉ. के देखरेख में एंबुलेंस से परीक्षा केंद्र ले जाया गया। परीक्षा को लेकर रूकमिणी के जज्बे को देख लोग उसकी खूब सराहना कर रहे हैं।