PATNA : बिहार में सड़क हादसों के मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। लोगों द्वारा लगातार ट्रैफिक नियमों का उलघंन किया जा रहा है। अब इसी के रोकथाम को लेकर राज्य सरकार के तरफ से बिहार में यातायात पुलिस को बॉडी वार्म कैमरा से लैस करने का निर्णय लिया है। इससे लोगों का यह मालूम नहीं लगेगा कि चालान काटते समय लोगों को यह नहीं लगे कि उन्हें कोई देख नहीं रहा है।
दरअसल, परिवहन विभाग के मुताबिक पुलिस मुख्यालय की ओर से जिलों में तैनात यातायात पुलिस को कैमरा दिया जायेगा। जिसके बाद पुलिस कर्मियों को गाड़ी वालों से जुर्माना लेते हुए वीडियो रिकॉर्ड होगा। यह कैमरा पुलिस के कंधों पर लग जाने के बाद जुर्माना वसूलने में आसानी होगी और एक-दूसरे पर लगाये जाने वाले आरोप की शिकायत भी कम से कम आयेगी।
मालूम हो कि,पिछले दिनों में पुलिस मुख्यालय को यातायात जांच के दौरान पुलिस व वाहन मालिक में नोक- झोंक की शिकायत आयी है, जिसमें देखा गया कि गाड़ी मालिक चालान कटाते समय पुलिस पर आरोप लगाते हैं कि जुर्माना जबरन लिया जाता है। इन शिकायतों पर अंकुश लग पायेगा। पुलिस मुख्यालय को विभिन्न प्रकार के सड़क सुरक्षा उपकरणों के क्रय के लिए वित्तीय वार्ष 2018-19 से 2021-22 तक 3743.38 लाख रुपये उपलब्ध कराया गया है। जिसके विरुद्ध आठ हैंड हेल्ड सर्च लाइट एवं 33 बॉडी वार्म कैमरा, 57 ब्रेथ एनालाइजर , चार लेजर स्पीड मीटर, 17 इंटर सेप्टर वाहन, 15 क्रेन , 43 स्पीड गन और 109 पोर्टेबल एम्प्लीफायर का क्रय पुलिस मुख्यालय द्वारा किया गया है।
आपको बताते चलें कि , 2022-23 में दोबारा पुलिस मुख्यालय को 23 इंटरसेप्टर वाहन के क्रय के लिए 508.62 लाख रुपया मात्र उपलब्ध कराया गया। साथ ही, जिलों में कैमरा की खरीद जरूरत के मुताबिक जल्द से जल्द करने का निदेश दिया गया है। ऐसा कहा जा रहा है कि कैमरा रहने से वाहन चालक और पुलिस दोनों को सहूलियसत होगी। लोग यह नहीं कह पायेंगे कि पुलिस गाड़ी छोड़ने के नाम पर रिश्वत मांग रही थी। बॉडी वार्म कैमरा यातायात के कंट्रोल रूम से जुड़ा रहेगा, जहां कैमरा की ऑनलाइन निगरानी होगी।