विधानसभा में सत्ताधारी विधायकों ने ही नीतीश कुमार को बेनकाब कर दिया: बेलगाम पुलिस विधायकों की भी नहीं सुनती, किसी थाने में बिना चढ़ावा काम नहीं होता

विधानसभा में सत्ताधारी विधायकों ने ही नीतीश कुमार को बेनकाब कर दिया: बेलगाम पुलिस विधायकों की भी नहीं सुनती, किसी थाने में बिना चढ़ावा काम नहीं होता

PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री के साथ-साथ गृह मंत्री का काम संभाल रहे नीतीश कुमार के राज में पुलिस किस तरह बेलगाम हो गयी है। इसकी गाथा आज सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों ने ही सुनायी। विधानसभा में राजद, कांग्रेस, वाम दलों के विधायक ये बताते रहे कि पुलिस पूरी तरीके से बेलगाम हो गयी है। हद तो ये कि सरकार अपने विधायकों तक का नोटिस लेने को तैयार नहीं हुई। सरकार बेलगाम थानेदारों का बचाव करती रही। विधानसभा अध्यक्ष ने जैसे तैसे सरकार की इज्जत बचायी।


मामला राजद के विधायक ऋषि कुमार ने उठाया था। उन्होंने सरकार से सवाल पूछा कि औरंगाबाद के दाउदनगर थाना क्षेत्र में मोबाइल टावर का मशीन चोरी कर लिया गया। मोबाइल कंपनी ने 22 फरवरी को थाने में एफआईआर के लिए आवेदन दिया। लेकिन थाने ने एफआईआर दर्ज नहीं किया। विधायक ऋषि कुमार ने जब विधानसभा में इस बारे में सवाल उठाया तो 12 मार्च को एफआईआर दर्ज कराया गया। राजद के विधायक ने सरकार से पूछा कि वह एफआईआर दर्ज करने में 18 दिन की देर करने वाले थानेदार पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?


मामला गृह विभाग का था, जिसके मंत्री खुद सीएम नीतीश कुमार हैं। लेकिन सदन के अंदर मंत्री विजेंद्र यादव इसका जवाब दे रहे थे। विधायक बार-बार पूछते रहे कि सरकार थानेदार पर कार्रवाई करेगी। मंत्री विजेंद्र यादव मामले को घुमाते रहे। वे थानेदार पर कार्रवाई को भी राजी नहीं हुए। इसके बाद सदन में हंगामा हो गया।


सीपीएम के विधायक अजय कुमार ने.सदन में पुलिस की पोल खोल दी। उन्होंने कहा कि पूरे बिहार के थानों का यही हाल है। पुलिस महीनों तक एफआईआर दर्ज नहीं करती. तब तक थाने में प्राथमिकी नहीं दर्ज होती जब तक कोई पॉलिटिकल प्रेशर नहीं दिलवाया जाये या फिर चढ़ावा नहीं चढाया जाये. अजय कुमार ने कहा कि जब सदन में विधायक ऋषि कुमार पूरा तथ्य रख रहे हैं तो सरकार कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।


मंत्री बोले-एफआईआर दर्ज कराने कोर्ट में चले जाइये

सदन में पोल खुलती देख सरकार ने कहा कि ऐसे कहने से नहीं होगा. विधायक ये स्पेसफिक तौर पर बतायें कि कहां गडबड़ी हुई तब कार्रवाई होगी. इसके बाद विधायक अजय कुमार ने कहा कि उन्होंने सरकार को एक मामले में पूरा तथ्य दिया. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. सरकार सारे मामले को रफा-दफा कर दे रही है. इसके बाद जवाब देने उठे मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि अगर थाना एफआईआर दर्ज नहीं करता है तो लोग डीएसपी के पास जायें, एसपी के पास जायें और वहां से भी नहीं हो तो कोर्ट चले जायें. मंत्री लोगों को एफआईआर दर्ज कराने का रास्ता बताते रहे लेकिन थानेदार पर कार्रवाई को तैयार नहीं हुए।


सदन में हंगामा

मंत्री विजेंद्र यादव के जवाब पर सदन में हंगामा हो गया. राजद विधायक प्रहलाद यादव ने कहा कि जब लोगों को केस दर्ज कराने के लिए कोर्ट में ही जाना है तो सरकार पुलिस पर पैसा क्यों खर्च कर रही. राजद के एक और विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि कहा कि थाना में पैरवी के बिना कोई काम नहीं होता है. एफआईआर दर्ज करने में भी जब तक चढ़ावा नहीं दिया जाए तब तक केस दर्ज नहीं होता. सरकार बताये कि ऐसे पुलिसकर्मियों पर कौन सी कार्रवाई की जा रही है।


कांग्रेस विधायक विजय शंकर दुबे ने कहा कि पुलिस बेलगाम हो गयी है. उन्होंने कहा कि थाने में लोगों को बेवजह उठाकर हवालात में बंद कर दिया जाता है. बिना कोई एफआईआर के ही लोगों को कई दिनों तक हाजत में बंद कर रखा जाता है. किसी की गिरफ्तारी के बाद उसे 24 घंटे में कोर्ट में पेश करना है लेकिन पुलिस कई कई दिनों तक बिना किसी केस के लोगों को गिरफ्तार कर रखती है. थाने में एफआईआर दर्ज कराने गये लोगों का केस दर्ज नहीं होता. ये बात कही से ठीक नहीं है. इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए।


अपने ही विधायकों के सवालों से सरकार फंस चुकी थी. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष के सहारे सरकार बची. कई विधायक इस मसले पर बोलने के लिए खड़े हुए. तब मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि एफआईआर दर्ज करने समेत दूसरी बातों को लेकर जल्द ही सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया जायेगा. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने दूसरा सवाल ले लिया. आफत में फंसी सरकार बचकर निकल गयी।