PATNA : पिछले 24 घंटे में बिहार के अंदर हुई जोरदार बारिश ने नदियों में एक बार फिर से उफान पर ला दिया है। गंडक और बूढ़ी गंडक नदियां खतरे के निशान से ऊपर चल रही है बाकी नदियों के जलस्तर में भी काफी इजाफा हुआ है। लेकिन राहत की बात यह है कि यह सभी नदियां अभी खतरे के निशान से नीचे हैं। उत्तर बिहार के जिलों के लिए राहत की दूसरी खबर यह है कि नेपाल में इस दौरान भारी बारिश नहीं हुई है। इस वजह से कोसी और गंडक के डिस्चार्ज में बहुत मामूली वृद्धि हुई है।
बिहार के अलग-अलग इलाकों में पिछले 24 घंटे के दौरान जोरदार बारिश रिकॉर्ड की गई है। पटना समेत तीन जगहों पर बारिश 100 मिलीमीटर से ज्यादा रिकॉर्ड की गई है जबकि 50 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश से रिकॉर्ड करने वाले जगहों की संख्या 10 है। पटना में सबसे ज्यादा 146 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है इसके अलावे तैयबपुर में 118 और हाजीपुर में 125 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। पटना के श्रीपालपुर के साथ-साथ इंद्रपुरी, चनपटिया, हाथीदह, डुमरिया घाट और समस्तीपुर में 55 से 81 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है।
गंडक नदी डुमरिया घाट में खतरे के निशान से 41 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। बूढ़ी गंडक रोसरा में खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर है। लगातार हो रही बारिश के बावजूद शनिवार को बराह क्षेत्र में कोसी का डिस्चार्ज 77000 पर और बराज पर 1 लाख 6000 क्यूसेक था। गंडक का डिस्चार्ज भी वाल्मीकि नगर बराज पर एक लाख क्यूसेक के आसपास रहा। अन्य नदियों की बात करें तो कोसी नदी बाल तारा में खतरे के निशान से 58 सेंटीमीटर नीचे बह रही है जबकि बागमती नदी रोसड़ा में रेल पुल के पास 26 सेंटीमीटर ऊपर चढ़कर खतरे के निशान को पार कर गई है। इन नदियों के जलस्तर में और इजाफे का अनुमान है।