भारतीय कानून को ठेंगे पर रखते हैं कोंग्रेसी, पसंद है पाकिस्तानी कानून - निलंबन मामले में बोले नीरज बबलू

भारतीय कानून को ठेंगे पर रखते हैं कोंग्रेसी, पसंद है पाकिस्तानी कानून - निलंबन मामले में बोले नीरज बबलू

SAHARSA : कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है। इस संबंध में लोकसभा सचिवालय की तरफ से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है। राहुल को गुजरात के सूरत की सेशन कोर्ट ने चार साल पुराने मानहानि केस में दोषी पाया था और दो साल जेल की सजा सुनाई थी।  उसके बाद इनको लोकसभा से निलंबित कर दिया गया है। इस बीच इनके निलंबन को लेकर बीजपी विधायक ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि, कांग्रेस के लोगों को सिर्फ पाकिस्तानी कानून पसंद है। ये लोग का काम बस छाती पीटना है। 


दरअसल, बीजेपी के विधायक नीरज बबलू ने राहुल गांधी के निलंबन को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि, कांग्रेसी सड़क पर छाती पीट रहे हैं, कांग्रेसी आज तक क्या किए है वो जनता देख रही है। कांग्रेस का पुराना आदत है हिंदुस्तान के कानून को नही मानना, इनके नेता हिंदुस्तान के कानून को नही मानते।  इनलोगों को पाकिस्तान का कानून अच्छा लगता है।  ये लोग बस सबकुछ अपने हिसाब से करना चाहते हैं। 


नीरज बबलू ने कहा कि, इंदिरा गांधी के समय से ले लीजिए तो सबसे पहले उनकी सदस्यता गई उसके बाद सोनिया गांधी की सदस्यता गई और आज राहुल गांधी की भी सदस्यता चली गई। आखिर कोई भी देश के प्रधानमंत्री को चोर कहेगा तो फिर उसकी सदस्यता क्यों नही जायेगी। जबकि राहुल गांधी तो एक बार कोर्ट ने माफ कर दिया। लेकिन, उसके बाद भी ये शांत नहीं हुए तो इनकी सदस्यता गई। अब इनको यहां का कानून पसंद नही है। दरअसल, ये लोग अपने हिसाब से कानून को चलाना चाहते हैं, यहां के कानून को ठेंगे पर रखते हैं। इनलोगो को पाकिस्तान का कानून पसंद है, यही इनकी आदत है। इसलिए अभी छाती पीट रहे है, इनको हिंदुस्तान के कानून पर भरोसा ही नहीं है,और कानून को मानते ही नहीं है और कहते है सजा हो गया है, गलती करेंगे तो सजा भुगतना ही पड़ेगा। 


आपको बताते चलें कि, राहुल गांधी को जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक सजा दी गयी है। इस कानून के तहत अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा हुई हो तो ऐसे में उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाती है। इतना ही नहीं सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी होते है।