DESK : सुस्ती के दौर से गुजर रही भारतीय अर्थव्यवस्था को एक और झटका लगा है। दरअसल, चालू वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही में भारत की विकास दर में बड़ी गिरावट आई है। अब जीडीपी का आंकड़ा 4.5 फीसदी पहुंच गया है। यह करीब 7 साल में किसी एक तिमाही की सबसे बड़ी गिरावट है।
इससे पहले मार्च 2013 तिमाही में देश की जीडीपी दर इस स्तर पर थी। बता दें कि चालू वित्त वर्ष (2019-20) की पहली तिमाही में जीडीपी की दर 5 फीसदी पर थी। इस लिहाज से सिर्फ 3 महीने के भीतर जीडीपी की दर में 0.5 फीसदी की गिरावट आई है।
सितंबर में लगातार छठी तिमाही में जीडीपी के आंकड़ों में गिरावट आई है। बता दें कि वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में ग्रोथ रेट 8 फीसदी, दूसरी तिमाही में 7 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी पर थी। इसके अलावा वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में जीडीपी गिरकर 5 फीसदी पर आ गई।
इस बीच, कोर इंडस्ट्री के भी आंकड़े जारी कर दिए गए हैं।सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक एक साल पहले के मुकाबले कोर सेक्टर में 5.8 फीसदी की कमी आई है। बता दें कि कोर सेक्टर के 8 प्रमुख उद्योग में कोयला, क्रूड, ऑयल, नेचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी आते हैं।
सरकार को राजकोषीय घाटा के मोर्चे पर भी झटका लगा है। चालू वित्त वर्ष के पहले 7 महीनों (अप्रैल से अक्टूबर के बीच) राजकोषीय घाटा लक्ष्य से ज्यादा 7.2 ट्रिलियन रुपये (100.32 अरब डॉलर) रहा। वहीं अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में सरकार को 6.83 ट्रिलियन रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ जबकि खर्च 16.55 ट्रिलियन रुपये रहा।