Special 6: देश के भीतर बैठे गद्दारों की मरम्मत के लिए विशेष टीम गठित, पाकिस्तान समर्थकों में मची खलबली Satyapal Malik: सत्यपाल मलिक के इंटरव्यू का पाकिस्तान में हुआ सियासी इस्तेमाल,संसद में हुआ जिक्र Bihar News: पटना में छात्र ने समाप्त की अपनी जीवन लीला, 2 दिन तक कमरे में पड़ा रहा शव Bihar Water Sports : अब विहार में भी गोवा जैसा ...शुरू होंगे वॉटर स्पोर्ट्स, बढ़ेगा पर्यटन रोमांच India pakistan war 2025: जानिए क्या होता है 'काइनेटिक' और 'नॉन-काइनेटिक' हमला...भारत ने पाकिस्तान पर किया दोनों का इस्तेमाल! India Pakistan War: पाकिस्तान की मदद करने खुलकर मैदान में उतरा तुर्की, इस गद्दार को सबक सिखाने का भारत के पास सुनहरा अवसर S-400 Missile defence system: पाकिस्तान के मिसाइल हमलों को भारत ने S-400 डिफेंस सिस्टम से किया नाकाम, जानिए इस घातक हथियार की खासियत Bihar News: दोस्तों के संग नहाने गया नाबालिग... लौटा ही नहीं, गाँव में छाया मातम Indian Army response: पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमले नाकाम, भारतीय सेना ने L-70 और शिल्का सिस्टम से दिया करारा जवाब Bihar News: शनिवार को इस रेलखंड पर 7 घंटे का मेगा ब्लॉक, 10 ट्रेनें रद्द, कई रिशेड्यूल
1st Bihar Published by: Updated Fri, 29 Nov 2019 06:15:54 PM IST
- फ़ोटो
DESK : सुस्ती के दौर से गुजर रही भारतीय अर्थव्यवस्था को एक और झटका लगा है। दरअसल, चालू वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही में भारत की विकास दर में बड़ी गिरावट आई है। अब जीडीपी का आंकड़ा 4.5 फीसदी पहुंच गया है। यह करीब 7 साल में किसी एक तिमाही की सबसे बड़ी गिरावट है।
इससे पहले मार्च 2013 तिमाही में देश की जीडीपी दर इस स्तर पर थी। बता दें कि चालू वित्त वर्ष (2019-20) की पहली तिमाही में जीडीपी की दर 5 फीसदी पर थी। इस लिहाज से सिर्फ 3 महीने के भीतर जीडीपी की दर में 0.5 फीसदी की गिरावट आई है।
सितंबर में लगातार छठी तिमाही में जीडीपी के आंकड़ों में गिरावट आई है। बता दें कि वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में ग्रोथ रेट 8 फीसदी, दूसरी तिमाही में 7 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी पर थी। इसके अलावा वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में जीडीपी गिरकर 5 फीसदी पर आ गई।
इस बीच, कोर इंडस्ट्री के भी आंकड़े जारी कर दिए गए हैं।सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक एक साल पहले के मुकाबले कोर सेक्टर में 5.8 फीसदी की कमी आई है। बता दें कि कोर सेक्टर के 8 प्रमुख उद्योग में कोयला, क्रूड, ऑयल, नेचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी आते हैं।
सरकार को राजकोषीय घाटा के मोर्चे पर भी झटका लगा है। चालू वित्त वर्ष के पहले 7 महीनों (अप्रैल से अक्टूबर के बीच) राजकोषीय घाटा लक्ष्य से ज्यादा 7.2 ट्रिलियन रुपये (100.32 अरब डॉलर) रहा। वहीं अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में सरकार को 6.83 ट्रिलियन रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ जबकि खर्च 16.55 ट्रिलियन रुपये रहा।