भगवान सिंह कुशवाहा ने घर वापसी का लिया फैसला, 7 अगस्त को थामेंगे जेडीयू का दामन

भगवान सिंह कुशवाहा ने घर वापसी का लिया फैसला, 7 अगस्त को थामेंगे जेडीयू का दामन

PATNA: जनता दल युनाइटेड की नजरें आज भी बड़े नेताओं पर टिकी हुई हैं। जो आज पार्टी में नहीं हैं या फिर किसी कारणवश पार्टी छोड़कर चले गए हैं वैसे नेताओं को अपने पाले में करने की कवायद जेडीयू ने तेज कर दी हैं। हम बात कर रहे हैं पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा की। जो 7 अगस्त को जेडीयू का दामन थामेंगे। लोजपा छोड़ अपने सैकड़ों साथियों के साथ भगवान सिंह कुशवाहा जेडीयू ज्वाइन करने जा रहे हैं। इस बात की जानकारी खुद भगवान सिंह कुशवाहा ने दी है। पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने यह बाते कही।   


 2020 विधानसभा चुनाव के वक्त जब जेडीयू ने भगवान सिंह कुशवाहा को टिकट नहीं दिया तब उन्होंने जेडीयू से इस्तीफा देकर लोजपा का दामन थाम लिया था। लोजपा के टिकट पर उन्होंने जगदीशपुर से चुनाव लड़ा था। जिसमें 48 हजार वोट उन्हें मिला था। हालांकि वे चुनाव जीत नहीं पाए। अब भगवान सिंह कुशवाहा की फिर से घर वापसी हो रही है। 


7 अगस्त को जेडीयू कार्यालय में मिलन समारोह का आयोजन होगा। जिसमें भगवान सिंह कुशवाहा अपने सैकड़ों साथियों के साथ जदयू की सदस्यता ग्रहण करेंगे। उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलायी जाएगी। इस मौके पर जेडीयू के कई वरिष्ठ नेता मौजूद होंगे। जेडीयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, उपेंद्र कुशवाहा, विजय कुमार चौधरी, अशोक चौधरी, श्रवण कुमार, ललन सिंह सहित पार्टी के कई नेता जेडीयू के मिलन समारोह में शामिल होंगे। इस मौके पर पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा जेडीयू ज्वाइन करेंगे। उनके साथ सैकड़ों लोगों को भी पार्टी की सदस्यता दिलायी जाएगी। 



पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा ने बताया कि उन्होंने सभी नेताओं से बातचीत की सभी ने कहा कि नीतीश जी के दल में चले आइए। हम पहले भी जेडीयू में थे, वैचारिक रूप से उनके साथ मेरा संबंध रहा है। भगवान सिंह कुशवाहा ने कहा कि एक बात पक्का यकीन किजिए कि बिहार में जो विकास की धारा है उस धारा को मजबुत करने का काम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने किया है। विकास से प्रभावित होकर उनके व्यक्तित्व से प्रभावित होकर हम एक बार फिर से जेडीयू में शामिल होने का फैसला लिए हैं। 


लोजपा का दामन छोड़ने के सवाल पर भगवान सिंह कुशवाहा ने कहा कि जब लोजपा पार्टी का विभाजन हो गया तब हम निर्णय नहीं ले पा रहे थे कि किसके साथ रहे और किसके साथ नहीं रहे। ऐसी स्थिति में वहां रहना हमने मुनासिब नहीं समझा और अब नीतीश कुमार जी के साथ रहने का हमने फैसला लिया है। 7 अगस्त को अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ हम जेडीयू की सदस्यता लेने जा रहे हैं।