DESK: लॉकडाउन के बीच बेटा आंध्रप्रदेश में फंस गया, लेकिन बेटे के लिए लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार नहीं कर सकी. महिला बेटे को लाने के लिए तेलंगाना से निकली और 1400 किमी स्कूटी चालकर बेटे को अपने घर लाई.
महिला ने निजामाबाद से आंध्र प्रदेश के नेल्लोर के लिए सोमवार को निकलीं और बुधवार शाम को बेटे को लेकर घर आ गई है. एक साइड से दूरी 700 किमी है. लेकिन महिला ने हिम्मत नहीं हारी. रहिया बेगम ने कहा कि पति की मौत हो चुकी है. दो बेटे हैं. छोटा बेटा निजामुद्दीन नेल्लोर में था. इस बीच लॉकडाउन लग गया. बेटे की चिंता सता रही थी.
दोस्त को छोड़ने गया और फंस गया
रजिया बेगम खुद एक स्कूल में प्रिंसिपल है कहा कि बेटा अपने दोस्त को छोड़ने के लिए गया था. लेकिन वह जाकर वहां पर फंस गया. मैंने मन में ठान लिया कि अब लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार नहीं करना है. वह रास्ते के लिए खाना पैक की और स्कूटी उठाकर चल दी. सुनशान रास्ते में डर भी लग रहा था लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी. रजिया ने लॉकडाउन के बीच कानून का पालन भी किया. उन्होंने अपनी पीड़ा अधिकारियों से बताई. कहा कि वह अपने बेटे का लाना चाहती है. इसको लेकर उससे परमिशन दिया जाए. प्रशासन ने पास जारी किया तो वह बेटे को लाने के लिए निकल पड़ी. वह बड़े बेटे को कोरोना संक्रमण के डर से नहीं जाने दी.