PATNA: बिहार में जारी सियासी घमासान पर बड़ा अपडेट सामने आया है. बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने आखिरकार सरेंडर कर दिया है. अवध बिहारी चौधरी पहले कह रहे थे कि वे 21 फरवरी तक अपनी कुर्सी पर जमे रहेंगे. उसके बाद उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी. लेकिन अब 12 फरवरी को अवध बिहारी चौधरी की कुर्सी पर फैसला हो जायेगा.
बता दें कि 28 जनवरी को बिहार में नयी सरकार बनने के साथ ही विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. बीजेपी, जेडीयू और हम पार्टी के विधायकों ने विधानसभा के सचिव को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा था. विधानसभा की कार्यसंचालन नियमावली के मुताबिक अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने के 14 दिन बाद उस पर चर्चा होती है. अगर चर्चा के दौरान सदन में 38 विधायक खड़े होकर अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन कर दें तो वोटिंग हो जाती है. इसके मुताबिक 10 फरवरी को 14 दिन पूरा हो रहा था.
लेकिन 7 फरवरी को विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने इसमें पेंच फंसा दिया. अवध बिहारी चौधरी ने मीडिया से कहा कि उन्हें आज ही ये पता चला है कि अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. लिहाजा आज से 14 दिन बाद इस पर सदन में चर्चा होगी. अवध बिहारी चौधरी कह रहे थे कि 21 फरवरी के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में वोटिंग होगी. अवध बिहारी चौधरी कह रहे थे कि नीतीश कुमार के फ्लोर टेस्ट के दौरान वे ही अध्यक्ष की कुर्सी पर बने रहेंगे. उनके इस एलान के बाद बड़ा संवैधानिक संकट उत्पन्न होने की आशंका खड़ी हो गयी थी.
12 फरवरी को ही अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग
लेकिन, अब ये संकट टल गया है. विधानसभा सचिवालय ने 12 फरवरी को सदन में होने वाले कामकाज की सूची जारी कर दी है. इसमें ये उल्लेख किया गया है कि उसी दिन विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी और अगर जरूरत पडी तो वोटिंग होगी. नीतीश कुमार के फ्लोर टेस्ट से पहले ही अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग हो जायेगी. इसका मतलब ये हुआ कि फ्लोर टेस्ट के दौरान अवध बिहारी चौधरी आसन पर नहीं रहेंगे.
सचिव ने नहीं मानी बात
विधानसभा सूत्रों से ये जानकारी मिल रही है कुर्सी पर बने रहने की अवध बिहारी चौधरी की जिद क्यों फेल हो गयी. सूत्र बता रहे हैं कि विधानसभा के सचिव ने नियमों के खिलाफ काम करने से इंकार कर दिया था. बता दें कि विधानसभा के सचिव पद पर जिला जज स्तर के न्यायिक पदाधिकारी की पोस्टिंग होती है. सचिव के पास 28 जनवरी को ही अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आ गया था. ऐसे में सचिव ने नियमानुसार उससे संबंधित सारी कार्यवाही पूरी कर ली थी.
सूत्र बता रहे हैं कि अवध बिहारी चौधरी तमाम कोशिश करते रह गये लेकिन सचिव नियमों के मुताबिक ही काम करने पर अडे रहे. ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा कि वे 12 फरवरी को ही अपने खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग कराने की मंजूरी दें. आज विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी मंजूरी दी और फिर विधानसभा सचिवालय ने 12 फरवरी की कार्यसूची जारी कर दी है. उस दिन सबसे पहले राज्यपाल का अभिभाषण होगा. फिर विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग होगी. उसके बाद नीतीश कुमार अपनी नयी सरकार के लिए विश्वासमत हासिल करेंगे.