बैंकों में भीड़ पर टूटी सरकार की नींद, डिप्टी CM सुशील मोदी ने लोगों को पोस्ट ऑफिस की सेवा लेने को कहा

बैंकों में भीड़ पर टूटी सरकार की नींद, डिप्टी CM सुशील मोदी ने लोगों को पोस्ट ऑफिस की सेवा लेने को कहा

PATNA : बिहार के बैंकों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन नहीं होता देख आखिरकार सरकार की नींद टूट गई है. बिहार के बैंकों में भीड़ को देखते हुए डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने लोगों से अपील की है सुशील मोदी ने कहा है कि लोग बैंकों में भीड़ लगाने से परहेज करें. सुशील मोदी ने लोगों से कहा है कि ग्रामीण इलाकों में लोग बैंक की शाखाओं में भी लगाने की बजाय पोस्ट ऑफिस की तरफ से दी जाने वाली सुविधाओं का इस्तेमाल करें. सुशील मोदी ने कहा है कि बिहार में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के नेटवर्क का इस्तेमाल लेनदेन के लिए किया जा सकता है.

मोदी ने कहा कि बैंक की शाखाओं में भीड़ लगाने के बजाए राज्य में कार्यरत 6,728 पोस्ट ऑफिस और 10,050 पोस्टमैन के विशाल नेटवर्क वाले ‘इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक‘ के जरिए अपने गांव और दरवाजे पर ही कोरोना राहत पैकेज की राशि की निकासी करें. पोस्ट ऑफिस से देश भर के 250 से ज्यादा बैंकों के खाताधारक अपने दरवाजे पर भुगतान प्राप्त कर सकते हैं. 


बिहार और केन्द्र सरकार 12 हजार 612 करोड़ रुपये का वितरण विभिन्न योजनाओं के तहत कर रही हैं. इनमें राज्य सरकार की ओर से 5,867 करोड़ व केन्द्र की ओर से 6,745 करोड़ रुपये दिए गए हैं. राज्य का एक भी ऐसा परिवार नहीं है, जिससे किसी न किसी योजना का लाभ नहीं मिल रहा हो. मोदी ने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की ‘आधार आधारित भुगतान व्यवस्था’ के तहत खाताधारक आधार दिखा कर या बायोमैट्रिक मशीन जिसे माइक्रो एटीएम भी कहा जाता है, में अपना अंगूठा लगा कर भुगतान ठीक उसी तरह से प्राप्त कर सकते हैं जैसे कि जन वितरण प्रणाली की दुकानों से वे राशन लेते हैं. इसके साथ ही विभिन्न बैंकों के राज्य में कार्यरत 15 हजार से ज्यादा ग्राहक सेवा केन्द्रों से भी सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए लाभुक अपनी राशि की निकासी कर सकते हैं.


लाॅकडाउन के बाद के एक महीने में बिहार में 1 लाख 38 हजार लाभार्थियों को 29.88 करोड़ और पूरे देश में करीब ढाई हजार करोड़ रुपये का भुगतान इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की ओर से किया गया है. कोई भी मशीन में लाभुक अंगूठा लगा कर अधिकतम 10 हजार रुपये तक की निकासी कर सकता है.