बालू के अवैध परिवहन पर कसेगा शिकंजा,नीतीश सरकार ने बनाया मास्टर प्लान

बालू के अवैध परिवहन पर कसेगा शिकंजा,नीतीश सरकार ने बनाया मास्टर प्लान

PATNA : राज्य की नदियों से अवैध बालू खनन और इसका परिवहन सरकार के लिए बड़ी समस्या है। तमाम उपाय करने के बाद भी भी नदियों से अवैध बालू खनन और परिवहन पर रोक नहीं लग रही है। ऐसे में अब बिहार में में बालू के अवैध खनन, ढुलाई और बिक्री को रोकने के लिए आठ जिलों में अस्थायी चेक पोस्ट बनेंगे। इनमें पटना, रोहतास, कैमूर, भोजपुर, औरंगाबाद, शिवहर, सारण और जमुई जिले शामिल हैं। 


वहीं, इन जिलों की सभी संपर्क या सहायक सड़क से मुख्य सड़क को जोड़ने वाले स्थानों पर ये चेक पोस्ट बनेंगे। इन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगेंगे, जिनका कंट्रोल यूनिट संबंधित अनुमंडल या जिला कंट्रोल रूप में होगा। कुछ दिन पहले मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में अहम बैठक हुई थी, जिसमें इस बाबत आदेश दिया गया था। जिलों के स्तर से इसका प्रस्ताव खान एवं भूतत्व विभाग को प्राप्त हो गया है। इसके बाद विभाग के स्तर से कवायद शुरू कर दी गई है। ये सभी चेकपोस्ट चौबीस घंटे काम करेंगे।


इसके साथ ही इन चेक पोस्ट में खनन विभाग के अलावा परिवहन एवं पुलिस महकमा और संबंधित जिला के पदाधिकारी की तैनाती रहेगी। इस चेक पोस्ट का काम अवैध बालू खनन रोकने के अलावा एनएच पर बेतरतीब तरीके से खड़े बालू लदे ट्रैक्टर व ट्रक की वजह से लगने वाले सड़क जाम को भी हटाना होगा। जाम की समस्या पटना, भोजपुर, सारण, औरंगाबाद समेत अन्य जिलों में बढ़ती जा रही है। इसके अलावा भोजपुर, पटना, अरवल, औरंगाबाद व रोहतास जिला की तरफ से सड़कों की यातायात क्षमता के अनुकूल ही बालू लदे वाहनों का परिचालन कराया जाएगा। बालू घाटों से वाहनों को निर्धारित समय पर निकाला जाएगा।


आपको बताते चलें कि, राज्य में बालू खनन 80 घाटों पर शुरू है। हालांकि घाटों की बंदोबस्ती के लिए 166 पर्यावरणीय स्वीकृति व 113 सीटीओ (कन्सेंट टू ऑपरेट) प्राप्त हुए हैं। ऐसे में नीलाम किए गए अन्य बालू घाटों की पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त करने का सभी खनिज विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है। नीलाम किए गए और बचे बालू घाटों की रिपोर्ट विभाग ने मांगी है।