MUZAFFARPUR: बिहार सरकार के मद्य निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक नये मामले में फंस गये हैं। उनके खिलाफ मुजफ्फरपुर कोर्ट में मुकदमा दायर किया गया है। इसमें ये आरोप लगाया गया है कि केके पाठक की प्रताड़ना के कारण एक वकील की मौत हो गयी है।
मामला मुजफ्फरपुर में मद्य निषेध के विशेष लोक अभियोजक बजरंग प्रसाद की मृत्यु से जुड़ा है। इस मामले को लेकर वकील सुशील कुमार सिंह ने कोर्ट में परिवाद दायर किया है। परिवारवाद में आरोप लगाया है कि केके पाठक ने अधिवक्ता बजरंग प्रसाद को मानसिक तौर पर काफी प्रताड़ित किया है। इस परिवाद में केके पाठक के अलावा गृह सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव, विधि विभाग के विशेष सचिव ज्योति स्वरुप श्रीवास्तव और अभियोजन निदेशक प्रभुनाथ सिंह पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया गया है।
कोर्ट में परिवाद दायर करने वाले वकील सुशील कुमार सिंह ने बताया कि सूबे में शराब के मामलों में कानूनी कार्रवाई को लेकर 29 अक्टूबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक हुई थी। सुशील कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि इस बैठक में अभियुक्तों के खिलाफ मद्य निषेध के विशेष कोर्ट में मुकदमों की धीमी गति को लेकर सरकार के एपीपी यानि विशेष लोक अभियोजक बजरंग प्रसाद को काफी जलील किया गया था। सुशील कुमार सिंह का आरोप है कि बजरंग प्रसाद के साथ गाली-गलौज तक की गई। उन्हें मानसिक रूप से काफी टॉर्चर किया गया। अधिकारियों के टार्चर के कारण बजरंग प्रसाद काफी तनाव में चले गए और उनकी मृत्यु हो गई।