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बागमती तटबंध के ठेके में 500 करोड़ से अधिक का घोटाला, नीतीश सरकार पर लगा बेहद गंभीर आरोप, CBI जांच की मांग

1st Bihar Published by: Ganesh Samrat Updated Thu, 16 Jan 2020 05:21:13 PM IST

बागमती तटबंध के ठेके में 500 करोड़ से अधिक का घोटाला, नीतीश सरकार पर लगा बेहद गंभीर आरोप, CBI जांच की मांग

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PATNA: बिहार में बागमती तटबंध के निर्माण में 500 करोड़ से ज्यादा के घोटाले का आरोप लग रहा है. आरोप ये है कि सरकार ने ब्लैक लिस्टेड की जा चुकी एक निर्माण कंपनी के मालिकों को दूसरी कंपनी के नाम पर ये काम दे दिया. वहीं बगैर काम कराये ही 5 अरब रूपये का भुगतान भी कर दिया गया. इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की जा रही है.


पूर्व सांसद अरूण कुमार ने लगाया आरोप

पूर्व सांसद अरूण कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर बागमती दायें तटबंध के निर्माण से जुड़े कागजात जारी किये. अरूण कुमार ने आरोप लगाया कि इस काम को हैदराबाद की एक कंपनी को दिया गया था. इस कंपनी के मालिक वही लोग हैं जो पहले से ही बिहार में दूसरी कंपनी के नाम पर काम कर रहे थे. काम में ग़ड़बड़ी पाये जाने पर बिहार सरकार ने उनकी कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया था. यानि उन्हें बिहार में कोई दूसरा काम नहीं मिल सकता था. 

अरूण कुमार ने आरोप लगाया कि इस निर्माण कंपनी को चलाने वाले लोग पूर्व जल संसाधन मंत्री ललन सिंह के बेहद करीबी हैं. लिहाजा उन्हें काम देने के लिए ये चाल चली गयी. जिस कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया गया था उसके ही मालिकों को दूसरी कंपनी के नाम पर काम सौंप दिया गया.


बड़े घोटाले का आरोप

पूर्व एमपी अरूण कुमार ने कहा कि 500 करोड़ से ज्यादा से इस काम में कई अरब रूपये का घालमेल किया गया है. ठेका लेने वाली कंपनी ने दिखावे के लिए थोड़ा-बहुत काम किया और सरकार ने उसे पूरा पेमेंट कर दिया. अरूण कुमार का आरोप है कि इस खेल में सरकार में बैठे लोगों को मोटा कमीशन मिला.


मामले की सीबीआई जांच की मांग

बागमती तटबंध में घोटाले का आरोप लगाने वालों ने कोर्ट की निगरानी में मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है. पूर्व सांसद अरूण कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली सीबीआई इन दिनों नीतीश कुमार पर ज्यादा ही मेहरबान है. लिहाजा सृजन से लेकर दूसरे मामलों में नीतीश कुमार को बेदाग छोड़ दिया. ऐसे में इस मामले की कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच होनी चाहिये. अरूण कुमार ने कहा कि इस मामले पर वे कोर्ट में याचिका दायर करेंगे.