PATNA: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर आज बड़ी कसम खाकर किंग मेकर से किंग बनने के लिए मैदान में उतर गये. गांधी जयंती के दिन पश्चिम चंपारण के भितिहरवा आश्रम से प्रशांत किशोर के जन सुराज अभियान की शुरूआत होगी. इससे पहले आज अहले सुबह अपने समर्थकों के काफिले के साथ प्रशांत किशोर पटना से भितिहरवा के लिए रवाना हुए. पटना से रवाना होने से पहले प्रशांत किशोर ने दावा किया कि वे ऐसी यात्रा पर निकल रहे हैं जैसी बिहार के पिछले 75 सालों के इतिहास में कभी नहीं हुई. प्रशांत किशोर वहीं से अपनी पदयात्रा शुरू करने जा रहे हैं जहां से महात्मा गांधी ने अंग्रजों के खिलाफ सत्याग्रह की शुरूआत की थी.
प्रशांत किशोर की बड़ी कसम
जन सुराज अभियान पर रवाना होने से पहले प्रशांत किशोर ने बडी कसम खायी. उन्होंने कहा-मैंने तय कर लिया है कि जब तक पूरे बिहार की पैदल यात्रा न कर लेंगे तब तक पटना वापस नहीं लौटेंगे. अब बिहार के लोगों के बीच ही रहेंगे. समाज में रह कर समाज को समझने की कोशिश करेंगे प्रशांत किशोर ने कहा- मेरी यात्रा का सिर्फ एक ही मकसद है-समाज को मथ कर बिहार के विकास के लिए सही लोगों को एक साथ एक मंच पर लाना. प्रशांत किशोर की इस यात्रा को पूरा होने में कम से कम एक साल का वक्त लगेगा.
बता दें कि प्रशांत किशोर के जन सुराज अभियान में लगभग साढ़े तीन हजार किलोमीटर की पदयात्रा की जायेगी. प्रशांत किशोर ने कहा-मेरा मकसद बिहार के लोगों के पास पहुंच कर उनसे जमीनी स्तर पर संवाद करना है. फिर पलायन, बेरोजगारी, कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मसलों पर अगले 15 सालों के लिए बिहार के विकास का विजन डाक्यूमेंट तैयार करना है. अपने जन सुराज अभियान के दौरान प्रशांत किशोर बिहार के करीब आठ हजार पंचायत, 534 प्रखंड और तीन सौ से अधिक छोटे-बड़े शहरों में सीधे लोगों से संवाद करेंगे. यात्रा शुरू होने से पहले प्रशांत किशोर ने दावा किया कि जन सुराज पदयात्रा को लेकर अब तक 50 हजार से ज्यादा लोग इससे जुड़ चुके हैं. अभी भी बडी तादाद में लोग जन सुराज यात्रा से जुड़ने के लिए संपर्क कर रहे हैं.
यात्रा के बाद राजनीतिक दल बनाने पर विचार
प्रशांत किशोर ने कहा कि फिलहाल वे बिहार के विकास का ब्लूप्रिंट बनाने के लिए लोगों के बीच जा रहे हैं. लोग जो भी सुझाव देंगे, उस पर विचार कर पूरा खाका तैयार किया जायेगा. पदयात्रा समाप्त होने के बाद ये देखा जायेगा कि लोग इस अभियान में आगे साथ चलने के लिए तैयार हैं या नहीं. अगर लोग तैयार होंगे तो उनके साथ राज्य स्तर पर एक अधिवेशन का आयोजन किया जाएगा. इसी अधिवेशन में ये तय किया जायेगा कि आगे कोई राजनीतिक दल बनाना है या नहीं बनाना है. प्रशांत किशोर ने कहा कि वे कोई फैसला नहीं लेने जा रहे हैं. बिहार के विकास की चिंता करने वाले लोग ही मिलकर आगे का रास्ता तय करेंगे. यह पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक और सामूहिक होगी. अगर लोग तय करेंगे कि कोई पार्टी बनानी है तो भी वह प्रशांत किशोर की पार्टी नहीं होगी. वह उन लोगों की पार्टी होगी जो बिहार के विकास की सोच से जुड़कर इसके निर्माण में संस्थापक होंगे.