PATNA: बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। एक तरफ जहां सरकार इसे अपनी बड़ी उपलब्धि बता रही है तो वहीं विपक्षी दल शिक्षक नियुक्ति में बड़े घोटाले की बात कह रहे हैं और इसकी जांच की मांग सरकार से की है। पटना पहुंचे लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी शिक्षक नियुक्ति में घोटाले का आरोप लगाया है और सरकार से इसकी निष्पक्ष जांच कराने की मांग कर दी है।
बिहार में हुई शिक्षकों की बहाली पर सवाल उठाते हुए चिराग पासवान ने कहा है कि शिक्षकों की जो बहाली हुई है उसमें बहुत से ऐसे टीचर्स भी मिल जाएंगे जो अपना नाम तक लिखना नहीं जानते होंगे। बिहार में नीतीश कुमार की सरकार में यह पुरानी परंपरा रही है। शिक्षा विभाग ही क्या सभी विभागों में जो भी नियुक्तियां होती हैं वह बैक डोर से ही होती हैं। काबिल लोगों को नियुक्त पत्र नहीं मिलता है बल्कि उन लोगों को मिलती है जिनका संमर्क उस विभाग के मंत्री और अधिकारियों से होता है। चिराग ने कहा कि शिक्षक बहाली में हुए घोटाले की पूरी जांच कराई जाए।
उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री भ्रष्टातार में जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं लेकिन हर विभाग में इसी तरीके से नियुक्तियां हो रही हैं। यह बताता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में तमाम तरह की नियुक्तियां भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। शिक्षक अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा नियुक्त पत्र बांटे जाने के सवाल पर चिराग ने कहा कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र बांटा था। जो लोग दो-तीन महीने की सैलरी उठा चुके थे उनके बीच नियुक्ति पत्र का वितरण किया गया था।
चिराग ने कहा कि सरकार अगर दिखाने के लिए नियुक्ति पत्र बांट रही है तो इसका कोई मतलब नहीं है। जबतक नौकरी के सही अधिकारी को नियुक्ति पत्र नहीं मिलता है तबतक नियुक्त पत्र वितरण का कोई मायने नहीं हैं। अगर बैकडोर से ही लेनदेन करके नियुक्ति पत्र बांटना है तो जितना मन करे बांटते रहिए। चिराग ने इस दौरान कई अन्य मुद्दों पर भी अपनी राय रखी।