SITAMARHI : सीतामढ़ी के बेला थानाक्षेत्र के एक गांव में बाल विवाह की सूचना पर शादी रुकवाने गई बचपन बचाओ आंदोलन की टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। खास बात यह रही कि पुलिस की मौजूदगी में यह सब हुआ। क़ड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने मामले को किसी तरह शांत कराया। जिसके बाद नाबालिग बच्ची की शादी होने से बच गयी।
इतना ही नहीं, टीम ने पुलिस के सहयोग से बीते 28 अप्रैल को इसी गांव में हुए बाल विवाह के मामले में लड़की को उसके ससुराल से रेस्क्यू किया था। साथ ही, पुलिस ने दूल्हा मोदस्सिर को भी गिरफ्तार कर लिया था। मामले को लेकर बचपन बचाओ आंदोलन के आवेदन के आलोक में ठाणे में प्राथमिकी दर्ज की गई है। जिसमें दूल्हा, उसके माता-पिता, दुल्हन के माता-पिता व अज्ञात मौलवी के अलावा मोहम्मद रेजाउल्लाह शेख, इजे अंसारी, शहाबुद्दीन, कयामुद्दीन अंसारी, जाकिर, रियाज, इजराइल, मोहम्मद रजा शेख, साहिल, इरफान व चार अन्य लोगों को नामजद किया गया है।
बता दें कि बचपन बचाओ आंदोलन की टीम को सूचना मिली थी कि विगत 28 अप्रैल को नरंगा दक्षिणी पंचायत के एक गांव में एक नाबालिग का बाल विवाह होने वाला है। टीम ने इसकी सूचना अनुमंडल पदाधिकारी और बाल विवाह निषेध पदाधिकारी को दी। जिसके बाद वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर बचपन बचाओ आंदोलन की टीम बेला पुलिस के साथ गांव में पहुंची। लेकिन लड़की पक्ष के द्वारा उनका सहयोग नहीं किया गया। इतना ही नहीं, वहां कुछ लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई जो टीम के साथ गाली-गलौज करने लगे।
टीम में शामिल लोगों को जान से मारने की धमकी भी दी गई। बाद में टीम को आरोपियों ने गांव से बैरंग लौटा दिया और 28 अप्रैल को ही नाबालिग लड़की की शादी कर दी। जबकि दूसरी नाबालिग लडकी की आज 3 मई को शादी होनी थी। ग्रामीणों के भारी विरोध के बावजूद टीम ने सही समय पर पहुंचकर इस शादी को रुकवा दिया। वहीं विगत 28 अप्रैल को ब्याही गई लड़की को उसके ससुराल से रेस्क्यू कर लिया गया है। साथ में गई पुलिस टीम ने आरोपित दूल्हे को भी गिरफ्तार कर लिया है।