DESK: पूरे देश के लोगों को जिस शुभ समय का इंतजार था वह काफी करीब है। आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में निर्माणाधीन भव्य श्री राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लोकर आज से ही सभी अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे। आज से शुरू होकर ये अनुष्ठान अगले 6 दिनों तक चलेंगे और भगवान का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न होगा।
22 जनवरी को रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजेंगे। इस दिन राम मंदिर का उद्घाटन होगा। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां अब अंतिम चरण में है। मंगलवार को महंत नृत्यगोपाल दास की उपस्थिति में एक खास तरह की अगरबत्ती जलाई गयी। 108 फीट लंबी और 3.5 फीट गोलाई वाले इस अगरबत्ती को गुजरात के रामभक्तों ने खास तौर पर बनाया है। यह अगरबत्ती करीब डेढ़ महीने तक अपनी खुशबू बिखेरेगी। इस अगरबत्ती को गुजरात में पांच तत्वों को मिलाकर हर्बल तरीके से बनाया गया है। जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुचाएगी।
खास तरह के अगरबत्ती को बनाने वाले गुजरात के बड़ोदरा निवासी विहा भरवाड ने बताया कि 376 किलो गुग्गुल, 376 किलो नारियल के गोले, 190 किलो घी, 1,470 किलोग्राम गाय का गोबर, 420 किलो जड़ी-बूटियों को मिलाकर अगरबत्ती तैयार किया गया है। गुजरात से अयोध्या राम मंदिर लाने के लिए खास तरह के वाहन का इस्तेमाल किया गया है। बताया जा रहा है कि कि इस अगरबत्ती की ऊंचाई दिल्ली के कुतुब मीनार की आधी है।
जानकारी के मुताबिक, 17 जनवरी यानी कल राम लला अपने मंदिर में प्रवेश करेंगे। 18 जनवरी को भगवान स्वयं गर्भगृह में प्रवेश करेंगे और 22 जनवरी को उनकी प्राण प्रतिष्ठा होगी। प्राण-प्रतिष्ठा के धार्मिक अनुष्ठान मंगलवार से शुरू हो जाएंगे। सबसे पहले आज प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन अनुष्ठान किया जाएगा। अयोध्या के सरयू तट पर विष्णु पूजा और गौ दान का कार्यक्रम संपन्न कराया जाएगा।
17 जनवरी को रामलला की मूर्ति नए मंदिर के परिसर में प्रवेश कराया जाएगा जबकि 18 जनवरी को तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास होगा। वहीं 19 जनवरी की सुबह औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास और शाम को धान्याधिवास होगा। 20 जनवरी की सुबह शर्कराधिवास, फलाधिवास और शाम को पुष्पाधिवास और 21 जनवरी की सुबह मध्याधिवास और शाम को शय्याधिवास होगा।
इसके बाद आखिर में 22 जनवरी को दोपहर 12.20 बजे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं को पूरा कराने के लिए 121 आचार्य मौजूद रहेंगे। श्री गणेशवर शास्त्री द्रविड़ अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे जबकि काशी के श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे। 22 जनवरी को मंदिर के 'गर्भ गृह' में पीएम मोदी, मोहन भागवत, योगी आदित्यनाथ, यूपी के राज्यपाल और मंदिर के सभी ट्रस्टी मौजूद रहेंगे।