AURANGABAD: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने शनिवार को साफ लहजे में कहा कि आरक्षण नहीं रहने के कारण निषाद समाज पीछे रह गया। उन्होंने कहा कि अगर आज निषादों को आरक्षण रहता तो निषाद का बेटा भी डॉक्टर, इंजीनियर और बीडीओ बनता। उन्होंने निषाद समाज के लोगों से आरक्षण के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया।
मुकेश सहनी शनिवार को अपनी निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा के दौरान औरंगाबाद पहुंचे थे। सहनी का औरंगाबाद की धरती पर जोरदार स्वागत किया गया। शनिवार की संकल्प यात्रा की शुरुआत रोहतास जिले के बारूण से हुई। इसके बाद यह यात्रा औरंगाबाद के गांधी मैदान पहुंची, जहां बड़ी संख्या में महिला, बुजुर्ग, युवा सहित बच्चों ने सहनी का स्वागत किया। यहां लोगों ने आने वाली पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए पढ़ाने का तथा संघर्ष करने का हाथ में गंगाजल लेकर संकल्प लिया। लोगों ने एक स्वर में संकल्प लेते हुए कहा कि, आरक्षण के लिए अब संघर्ष होगा।
इसके बाद सहनी की संकल्प यात्रा देवी मंदिर, ओबरा, दाउदनगर, देवहरा, गोह, रुकुंदी, राजा बिगहा, रफीगंज होते हुए सूर्य मंदिर, देव पहुंची। इन सभी जगहों पर सहनी ने लोगों के हाथ में गंगाजल देकर संकल्प करवाया। संकल्प दिलवाने के क्रम में मुकेश सहनी ने कहा कि आरक्षण नहीं मिलने का सबसे बड़ा दोषी अब तक की सरकार तो है ही, लेकिन उससे कम दोषी हम भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमने इसके लिए संघर्ष नहीं किया।
उन्होंने सभी लोगों से संकल्प लेने का आह्वान करते हुए कहा कि इस बार वोट खरीदकर मालिक बनने वालों का भ्रम टूटेगा। उन्होंने कहा कि आज हम सभी संघर्ष का जो संकल्प ले रहे है और संकल्प निषादों के उज्जवल भविष्य को तय करेगा। आज पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में निषादों को आरक्षण मिल रहा है लेकिन बिहार, यूपी, झारखंड को अब भी यह अधिकार नहीं दिया गया है। उन्होंने लोगों से बच्चों को पढ़ाने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में वही सीएम और पीएम बनता है जिसके पास वोट होता है। आज हमारे समाज के पास यह ताकत है।अब वह जमाना चला गया जब राजा के यहां ही राजा पैदा होता था।